यह ख़बर 28 जून, 2012 को प्रकाशित हुई थी

भूपति बोले, मैं भी सानिया के साथ खेलने को तैयार

खास बातें

  • महेश भूपति ने यह भी इशारा किया कि वह सानिया के साथ ओलिंपिक्स में मिक्स्ड डबल्स खेल सकते हैं। सानिया को वाइल्ड कार्ड मिलते ही भारतीय टेनिस के अब तक के शायद सबसे बड़ा विवाद और गरमा गया।
नई दिल्ली:

भारतीय टेनिस के सभी टॉप खिलाड़ी अब विम्बल्डन में अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं और इसे ओलिम्पिक की तैयारी के तौर पर भी देखा जा रहा है। इस बीच महेश भूपति ने सानिया के बेहद कड़े ख़त पर अपनी प्रतिक्रिया देकर पहले से चल रहे विवाद को और हवा दे दी है।

महेश भूपति ने यह भी इशारा किया कि वह सानिया के साथ ओलिंपिक्स में मिक्स्ड डबल्स खेल सकते हैं। सानिया को वाइल्ड कार्ड मिलते ही भारतीय टेनिस के अब तक के शायद सबसे बड़ा विवाद और गरमा गया। सानिया के बयान से पहले से ही बैकफुट पर चल रही टेनिस संघ की परेशानी और बढ़ती नज़र आ रही है।

ख़ास कर तब जब महेश भूपति इस मसले में ना सिर्फ़ सानिया के साथ खड़े हो गए हैं बल्कि उनका बयान अब लिएंडर पेस के कैंप को भड़का सकता हैं।

भूपति कहते हैं टेनिस में चीज़ें और ख़राब हो सकती थीं। उन्होंने हमें मुश्किल हालात में डाल दिया है। मुझे सानिया के साथ सहानुभूति है। टीम बनाते वक्त सानिया से नहीं पूछा गया। मैं अब भी सानिया के साथ ओलिंपिक्स में खेलने को तैयार हूं।

भूपति शायद सानिया को किए गए वादे का जवाब दे रहे हैं लेकिन, इससे मसला सुलझता नहीं दिख रहा है। ज़ाहिर है अब तक खामोश दिख रहे पेस की फ़ितरत चुप होकर सुनते रहने वाले खिलाड़ी की नहीं है।
ऐसे में अगर पेस ने मुंह खोला तो खिलाड़ियों का अहम चाहे जितना संतुष्ट हो जाए खेल का भला
होता नहीं दिखता।

टेनिस संघ के कुछ अधिकारी इन दिनों लंदन में विम्बल्डन के स्टैंड्स में देखे जा सकते हैं लेकिन, उन्होंने इस मसले को अब ओलिम्पिक्स से पहले एक बार फिर मीडिया और पब्लिक में आने दिया तो उनकी और फ़ज़ीहत ही होगी।

ज़ाहिर तौर पर टेनिस की जंग में लिएंडर फ़िलहाल खिलाड़ियों के बीच अकेले दिख रहे हैं। तो भूपति और बोपन्ना की जोड़ी बेहद खुश है। बोपन्ना पहली बार ओलिम्पिक में खेलने को लेकर बेहद उत्साहित हैं। उन्हें भरोसा है कि जोड़ी ओलिम्पिक में कमाल कर सकती है।

डबल्स में वर्ल्ड नंबर 13 रोहन बोपन्ना कहते हैं हम वाकई खुश हैं। हम उत्साहित हैं कि हम एक साथ लंदन ओलिम्पिक्स में हिस्सा ले रहे हैं। हमने इसके लिए लंदन 2012 के लिए 6 महीने कड़ी मेहनत की है।

इस बार टेनिस में आठ खिलाड़ी ओलिम्पिक में जा रहे हैं जो भारत की अब तक की सबसे बड़ी टेनिस टीम है।
लेकिन, भारत को टेनिस से अब तक 1996 में अटलांटा ओलिम्पिक्स में सिर्फ़ एक पदक हासिल हुआ है। इत्तिफ़ाकन वो कांस्य पदक लिएंडर पेस ने सिंगल्स मुक़ाबलों में जीता था।

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उसके बाद सिडनी एथेंस और बीजिंग में टेनिस टीम कई बार पदक के पास पहुंच कर भी चूक गई। इस बार उम्मीद तो है लेकिन भारतीय खेल प्रेमियों की बड़ी फ़िक्र यह है कि यह झगड़ा और बढ़ा तो टेनिस से ओलिम्पिक में पदक की उम्मीद और फीकी पड़ जाएगी।