नई दिल्ली:
1993 में दिल्ली में कार बम धमाका करके 9 बेगुनाह लोगों के क़त्ल के दोषी देवेन्दर पाल सिंह भुल्लर के मामले में सोमवार को केन्द्र सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा दाखिल करेगा। इस मामले में भुल्लर को फांसी की सज़ा सुनाई गई है लेकिन भुल्लर की पत्नी ने यह कहते हुए फांसी की सज़ा को उम्रक़ैद में बदलने की मांग की है कि राष्ट्रपति को दया याचिका पर फ़ैसला लेने में आठ साल लग गए। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि दया याचिका पर फ़ैसला लेने में राष्ट्रपति को इतने साल क्यों लग गए। सरकार की ओर से आज हलफ़नामा दाखिल होने के बाद कोर्ट 19 अक्टूबर को इस मामले में आगे की सुनवाई करेगा।