विज्ञापन
This Article is From Jun 22, 2015

ज़मीन अधिग्रहण के लिए 51 फीसदी किसानों की मंज़ूरी ज़रूरी हो : भारतीय किसान संघ

ज़मीन अधिग्रहण के लिए 51 फीसदी किसानों की मंज़ूरी ज़रूरी हो : भारतीय किसान संघ
नई दिल्ली: नए ज़मीन अधिग्रहण बिल के प्रारूप पर किसान संगठनों का विरोध बढ़ता जा रहा है। नए ज़मीन अधिग्रहण बिल पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति के सामने अब तक पेश हुए ज़्यादातर किसान और मज़दूर संगठनों ने मांग की है कि हर तरह के प्रोजेक्टेस के लिए जमीन अधिग्रहण के दौरान किसानों की सहमति को अनिवार्य किया जाए।

सोमवार को संसद की संयुक्त समिति के सामने संघ परिवार के संगठन भारतीय किसान संघ ने भी माना कि ज़मीन अधिग्रहण के लिए किसानों की मंज़ूरी ज़रूरी होनी चाहिए। हालांकि उन्होंने 51% किसानों की मंज़ूरी की बात कही और सामाजिक प्रभाव के आकलन को गैरज़रूरी मान लिया।

जाहिर है, भारतीय किसान संघ एनडीए सरकार के रुख़ पर दूसरे किसान संगठनों के मुक़ाबले काफ़ी नरम है। लेकिन संयुक्त समिति के सामने पेश दूसरे संगठन इसके पूरी तरह ख़िलाफ़ हैं।

'स्वराज संवाद' के संस्थापक योगेन्द्र यादव ने संयुक्त समिति के सामने अपनी बात रखने के बाद एनडीटीवी से कहा, 'नया ज़मीन अधिग्रहण बिल 2013 के कानून को निरस्त करने के लिए लाया गया है। अगर किसानों की सहमति के बगैर कुछ चुने हुए प्रोजेक्ट्स के लिए ज़मीन का अधिग्रहण किया जाता है तो इससे 2013 का कानून कमज़ोर होगा।'

योगेन्द्र यादव के सहयोगी प्रो. आनंद कुमार ने कहा कि किसी भी ज़मीन का अधिग्रहण करने से पहले इसका समाज पर पड़ने वाले असर का आंकलन करना ज़रूरी है और इसे कानून में हर प्रोजेक्ट के लिए अनिवार्य रखा जाना बेहद ज़रूरी है।

नए ज़मीन अधिग्रहण बिल पर संसद की संयुक्त समिति के सामने किसान संगठनों ने अब तक जो प्रेज़ेन्टेशन्स किये हैं उनमे से बात प्रमुखता से कही गयी है कि किसानों की सहमति के बगैर उनकी ज़मीन का अधिग्रहण ना किया जाए और इसके लिए ज़रूरी प्रावधान कानून में शामिल रखे जाएं।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
जमीन अधिग्रहण, नए ज़मीन अधिग्रहण बिल, किसान संगठन, Land Acquisition, New Land Acquisition Bill, Farmers Union
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com