भरतपुर:
राजस्थान के भरतपुर में 14 सितंबर को दो गुटों के बीच हुई हिंसा अब गहलोत सरकार के लिए मुसीबत बनती जा रही है। सरकार की बनाई जांच कमेटी में सरकार पर ही सवाल उठ रहे हैं। यह सामने आ रहा है कि राज्य के गृह मंत्री शांति धारीवाल ने उस वक्त के हालात को ठीक से नहीं संभाला जिसके चलते हालात बदतर हो गए। वहीं, दूसरी और यह आरोप भी लग रहा है कि पुलिस फाइरिंग में सिर्फ मियो समूदाय को निशाना बनाया गया है। वहीं सरकार का कहना है कि अगर फाइरिंग नहीं होती तो हिंसक भीड़ को काबू करना मुश्किल था। दूसरी ओर गोपालगढ़ कसबे में अभी भी दहशत का माहौल है। कर्फ्यू में ढिलाई तो बरती जा रही है लेकिन लोग घरों से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
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