पूर्वोत्तर की पहली ट्रांसजेंडर डॉक्टर हैं बेयॉन्सी लैशराम, कहा, 'अस्पताल स्टाफ का हमेशा मिला सहयोग'

बेयॉन्सी ने कहा, 'मुझे अपने मेडिकल स्कूल में किसी तरह के भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा. उन्होंने मुझे स्वीकार किया और समर्थन किया. मैं अपने जीवन की शुरुआत से ही इस पेशे में रहना चाहता थी.'

पूर्वोत्तर की पहली ट्रांसजेंडर डॉक्टर हैं बेयॉन्सी लैशराम, कहा, 'अस्पताल स्टाफ का हमेशा मिला सहयोग'

बेयॉन्सी इम्फाल के शिजा हॉस्पिटल्स एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में RMO हैं.

इंफाल:

मणिपुर की राजधानी इम्फाल के शिजा हॉस्पिटल्स एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर के रूप में कार्यरत
बेयॉन्सी लैशराम (Beoncy Laishram) पूर्वोत्तर की पहले ट्रांसजेंडर (Transgender) डॉक्टर हैं. बेयोनिसी ने बताया कि उन्हें अस्पताल स्टाफ उनके साथ दोस्त की तरह व्यवहार करता है औऱ उनके द्वारा उन्हें पूरा प्यार और सहयोग मिल रहा है. 

बेयॉन्सी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, "हर नर्स और डॉक्टर मेरा समर्थन करते हैं. सभी साथी मेरे साथ सहयोग करते हैं और मेरे साथ एक दोस्त की तरह व्यवहार करते हैं."

बेयॉन्सी ने कहा, 'मुझे अपने मेडिकल स्कूल में किसी तरह के भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा. उन्होंने मुझे स्वीकार किया और समर्थन किया. मैं अपने जीवन की शुरुआत से ही इस पेशे में रहना चाहता थी.'

भारत की पहली ट्रांसजेंडर ऑपरेटर बनीं जोया खान
4 जुलाई को खबर आई थी कि गुजरात के वडोदरा जिले में जोया खान (Zoya Khan), भारत में कॉमन सर्विस सेंटर की पहली ट्रांसजेंडर ऑपरेटर (Transgender Operator) हैं. जोया खान का उद्धेश्य ट्रांसजेंडर समुदार के सदस्यों को डिजिटल युग के साथ चलना सिखाना है और समुदाय के लोगों को इसके साथ जीना सीखा है. दरअसल, खुद केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने एक ट्वीट के जरिए जोया खान के भारत के कॉमन सर्विस सेंटर (Common Service Center) की पहली ट्रांसजेंडर ऑपरेटर होने की जानकारी दी है. 

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गृह मंत्रालय ने अर्धसैनिक बलों से ट्रांसजेंडरों की भर्ती के लिए राय मांगी
2 जुलाई की खबर के मुताबिक गृह मंत्रालय ने सभी अर्धसैनिक बलों को आगामी भर्ती परीक्षा में ट्रांसजेंडर श्रेणी को शामिल करने पर अपनी राय देने को कहा है. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "इस मामले को लेकर लंबे समय से भ्रम की स्थिति है, लेकिन हमने सीएपीएफ से टिप्पणी मांगी है." एक पत्र के अनुसार, गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ (सहायक कमांडेंट) परीक्षा 2020 के नियमों में पुरुषों और महिलाओं के साथ तीसरे लिंग के रूप में ट्रांसजेंडर को शामिल करने पर विचार किया है.