बेंगलुरु हिंसा में कर्नाटक सरकार ने दंगाइयों से सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई का फैसला किया है. बेंगलुरु में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय सुरक्षाबलों ने फ्लैग मार्च किया. इन इलाकों में आज भी कर्फ्यू जारी रहा. हालांकि, एहतियात के तौर पर पूरे बेंगलुरु शहर में 15 अगस्त तक धारा 144 लगा दी गई है. पुलिस की एफआईआर में कुछ नामजद किए गए है तो वहीं 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है. कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज भोमई ने एक मुस्लिम संगठन एसडीपीआई को हिंसा के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है
डीजे हल्ली के सब इंस्पेक्टर राघवेंद्र की शिकायत पर FIR दाखिल की गई है. एफआईआर में नवाज, नासिर, एजाज और अज्ञात 200 लोगों का नाम है. DJ हल्ली के सब इंस्पेक्टर की FIR में लिखा गया है कि अभद्र टिप्पणी करने वाले नवीन के खिलाफ एफआईआर करने के लिए फिरोज पाशा नाम का एक युवक 11 अगस्त की शाम 7 बजकर 45 स्टेशन आया. हमने 295A के तहत केस दर्ज कर लिया.
उन्होंने कहा कि मुझे अधिकारियों से निर्देश मिला कि "मैं नवीन की तलाश करूं. मैं हेड कॉन्स्टेबल योगानंद के साथ कावल बायर सन्द्रा में नागम्मा ले आउट में मौजूद नवीन के घर 8 बजे तक पहुंच गया. मुझे देखकर आरोपी घर से फरार हो गया, मेरे बाहर आने तक इलाके में दूसरे पक्ष के सैंकड़ों लोग जमा हो गए. उनके हाथ में धारदार हथियार थे, तलवारें थी, डण्डे थे. एफआईआर में कहा गया है कि इन लोगों ने नवीन के घर में तोड़फोड़ की और घर के एक हिस्से में आग लगा दी.
एफआईआर में कहा गया है कि नवाज, नासिर और एजाज के साथ कई लोगों ने हिंसा की, मैंने रोकने की कोशिश की तो मुझे धक्का दे दिया. कुछ देर में और पुलिस कर्मी घटनास्थल पर आ गये. हमने शांति की अपील की, लेकिन वो नहीं माने और तलवार और डंडों से हम पर हमला कर दिया, हमें जान से मारने की कोशिश की.
भीड़ में किसी ने कहा कि "हम तुम लोगों को मार डालेंगे" किसी तरह वहां से 10 बजकर 45 मिनट पर हम स्टेशन पहुँचे यहां भीड़ ने स्टेशन को घर लिया था. बेंगलुरु हिंसा में अब तक कुल 9 एफआईआर दर्ज की गई हैं.
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