पश्चिम बंगाल में एक अनोखा कारनामा सामने आया है. राज्य के खेल मंत्री मनोज तिवारी (Manoj Tiwary) को बंगाल रणजी ट्राफी टीम (Ranji Trophy Team) में जगह दी गई है. मनोज तिवारी लंबे समय से क्रिकेट खेलते रहे हैं और पिछले साल उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) का दामन थामा था और विधानसभा चुनाव भी लड़ा था. तृणमूल कांग्रेस की भारी जीत के बाद मनोज तिवारी को खेलकूद मामलों का मंत्री भी बनाया गया. धाकड़ बल्लेबाज मनोज तिवारी को बंगाल की 21 सदस्यों वाली रणजी ट्राफी टीम में शामिल किया गया है.
राजनीतिक पारी शुरू करने के बाद उनका नाम रणजी टीम में शामिल करने को लेकर तमाम सवाल भी उठ रहे हैं. 36 साल के मनोज तिवारी बंगाल क्रिकेट टीम के कप्तान भी रहे हैं. वो ममता सरकार में खेलकूद और युवा मामलों के मंत्री बनाए गए हैं. उन्होंने 17 सालों तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला है. मनोज तिवारी ने बंगाल के लिए अपना आखिरी मैच मार्च 2020 में खेला था, जब सौराष्ट्र के खिलाफ रणजी ट्राफी का फाइनल मैच था.
मनोज तिवारी ने बंगाल विधानसभा चुनाव में शिबपुर सीट से बीजेपी प्रत्याशी रतिन चक्रबर्ती को चुनाव हराकर जीत दर्ज की थी. पिछले सत्र में कोविड-19 और चोट के कारण वो टूर्नामेंट नहीं खेल पाए थे, लेकिन इस बार अभिमन्यु ईश्वरन की अगुवाई वाली टीम में उन्हें शामिल किया गया है. बंगाल की क्रिकेट टीम को ग्रुप बी में रखा गया है, उसके साथ विदर्भ, राजस्थान, केरल, हरियाणा और त्रिपुरा की टीमें भी होंगी.
बंगाल 13 जनवरी को त्रिपुरा के खिलाफ अपना पहला रणजी ट्राफी मैच खेलेगा. हालांकि बंगाल टीम को रणजी टूर्नामेंट की शुरुआत के पहले ही तगड़ा झटका लगा है. टीम के सात सदस्य कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं. बंगाल को अगले हफ्ते पृथ्वी शॉ की अगुवाई वाली मुंबई टीम के खिलाफ अभ्यास मैच खेलना है.
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