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This Article is From Jun 15, 2019

बंगाल में 300 डॉक्टरों का इस्तीफा, 17 जून को पूरे देश में करेंगे हड़ताल

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने 14 जून से तीन दिनों तक देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन शुरू करने के साथ 17 जून को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है.

बंगाल में 300 डॉक्टरों का इस्तीफा, 17 जून को पूरे देश में करेंगे हड़ताल
देशभर में डॉक्टर कर रहे हैं प्रदर्शन
नई दिल्ली:

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने 14 जून से तीन दिनों तक देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन शुरू करने के साथ 17 जून को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. आईएमए ने अस्पतालों में डॉक्टरों के खिलाफ होने वाले हिंसा की जांच के लिए कानून बनाए जाने की मांग की है. संगठन का कहना है कि इसका उल्लंघन करने वालों को कम से कम  सात साल जेल की सजा का प्रावधान होना चाहिए. वहीं, बंगाल में अब तक 300 डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं, जिसमें कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल के 175 डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दिया है. जूनियर डॉक्टरों के जॉइंट फोरम के प्रवक्ता डॉ.अरिंदम दत्ता ने हड़ताल वापस लेने के लिए सीएम बनर्जी के सामने छह शर्तें रखी हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों को राज्य सचिवालय में बैठक के लिये बुलाया जिसे डॉक्टरों ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि यह उनकी एकता को तोड़ने की एक चाल है. 

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का ऐलान- 17 जून को पूरे देश में डॉक्टर करेंगे हड़ताल, सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी

ममता ने चार दिनों से सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सामान्य सेवाओं को बाधित करने वाले गतिरोध का हल खोजने के लिए बैठक बुलाई थी. वरिष्ठ चिकित्सक सुकुमार मुखर्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को चिकित्सकों के नहीं आने पर उन्हें शनिवार शाम पांच बजे राज्य सचिवालय नाबन्ना में मिलने का समय दिया. मुखर्जी, आंदोलन में शामिल नहीं हुए अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ ममता से मिलने गए और इस समस्या का हल निकालने के लिए सचिवालय में मुख्यमंत्री के साथ दो घंटे तक बैठक की. 

बंगाल में हड़ताल के बाद डॉक्टरों ने दिए इस्तीफे, कहा- ऐसे माहौल में नहीं कर पाएंगे काम

इसके बाद ममता ने मेडिकल एजुकेशन के निदेशक प्रदीप मित्रा तीन-चार जूनियर डॉक्टरों को बैठक के लिये सचिवालय में बुलाने के लिये कहा. जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त मंच के एक प्रवक्ता ने कहा, "यह हमारी एकता और आंदोलन को तोड़ने की चाल है। हम राज्य सचिवालय में किसी बैठक में शिरकत नहीं करेंगे. मुख्यमंत्री को यहां (एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल) आना होगा और कल एसएसकेएम अस्पताल के दौरे के दौरान उन्होंने हमें जिस तरह से संबोधित किया, उसके लिये बिना शर्त माफी मांगनी होगी." ममता ने गुरुवार को एसएसकेएम अस्पताल का दौरा करते वक्त कहा था कि बाहरी लोग मेडिकल कॉलेजों में गतिरोध पैदा करने के लिये यहां घुस आए हैं और यह आंदोनल माकपा और भाजपा का षडयंत्र हैं. बता दें कि जूनियर डॉक्टर एक रोगी के परिजन द्वारा चिकित्सक से मारपीट के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं. 
 

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