केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
संशोधित कानून लागू होने के बाद से 800 से अधिक करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियों को कुर्क किया गया है, जो 400 से अधिक बेनामी लेनदेन मामलों के अंतर्गत है. सरकार ने सोमवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने एक लिखित उत्तर में कहा, "संशोधित कानून लागू होने के बाद से 400 से अधिक बेनामी लेनदेन की पहचान की गई है. इस अधिनियम के तहत संपत्तियों को 230 से अधिक मामले में अस्थायी रूप से अटैच किया गया है".
उन्होंने कहा कि अटैच की गई संपत्तियों का बाजार मूल्य 800 करोड़ रुपये से अधिक है. इन संपत्तियों में बैंक जमा और अचल संपत्ति शामिल है.
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सरकार ने बेनामी अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के लिए पूरे भारत में 24 बेनामी निषेध इकाईयां स्थापित की हैं.
बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम, 1988 को बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधित अधिनियम, 2016 के माध्यम से व्यापक रूप से संशोधित किया गया था. बेनामी लेनदेन को रोकने के लिए यह संशोधित अधिनियम 1 नवंबर, 2016 से प्रभावी हुआ.
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यह अधिनियम बेनामी लेनदेन को प्रतिबंधित करता है और सक्षम अधिकारी को बेनामी संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार देता है. यह सक्षम न्यायालय द्वारा बेनामी लेनदेन के दोषी व्यक्तियों पर अभियोजन चलाने का अधिकार भी प्रदान करता है.
एक बेनामी लेनदेन के अपराध पर कम से कम एक साल का कठोर कारावास, जिसे सात साल तक बढ़ाया जा सकता है, का प्रावधान है. साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है जो संपत्ति के मूल्य का 25 फीसदी तक हो सकता है.
(इनपुट आईएएनएस से)
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एक बेनामी लेनदेन के अपराध पर कम से कम एक साल का कठोर कारावास, जिसे सात साल तक बढ़ाया जा सकता है, का प्रावधान है. साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है जो संपत्ति के मूल्य का 25 फीसदी तक हो सकता है.
(इनपुट आईएएनएस से)
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