कांग्रेस महासचिव व पार्टी के राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल में कई मंत्रियों को हटाए जाने का स्पष्ट संकेत देते हुए शुक्रवार को यहां कहा कि कुछ मंत्रियों ने पद छोड़कर संगठन के लिए काम करने की इच्छा जताई है. माकन ने गहलोत मंत्रिमंडल में फेरबदल व हजारों की संख्या में राजनीतिक नियुक्तियों की सुगबुगाहट के बीच यहां कांग्रेस व समर्थक विधायकों से एक-एक कर चर्चा करने के बाद यह बात कही. माकन ने विधायकों से फीडबैक लेने का काम गुरुवार को पूरा कर लिया था. माकन के अनुसार, हर किसी ने उनसे कहा कि पार्टी आलाकमान जो भी उनके लिए तय करेगा वे उसे स्वीकार करेंगे. उन्होंने प्रदेश कांग्रेस समिति कार्यालय के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कुछ मंत्री ऐसे भी हैं जिन्होंने पद छोड़कर संगठन के लिए काम करने की इच्छा जताई है. हालांकि, उन्होंने किसी मंत्री विशेष का नाम नहीं लिया.
वहीं, उनकी इस टिप्पणी को इस बात का संकेत माना जा रहा है कि कई मंत्रियों को हटाकर नए चेहरों को जगह दी जा सकती है. माकन ने कहा, "हमारे यहां ऐसे भी लोग हैं जो सरकारी पदों को छोड़कर संगठन के लिए काम करने को आतुर हैं. हमें ऐसे लागों पर गर्व है. सरकार द्वारा करवाए गए विकास कार्यों व हमारे ऐसे साथी जो सबकुछ छोड़कर संगठन के साथ काम करने को तैयार हैं, ऐसे लोगों के साथ मिलकर 2023 में कांग्रेस वापस सरकार बनाएगी." कांग्रेस नेता के अनुसार, मंत्रियों ने खुद उनका उदाहरण दिया जब 2013 में उन्होंने संगठन के लिए काम करने के वास्ते मंत्री पद छोड़ दिया था. माकन द्वारा अपनी रपट दिल्ली में आलाकमान को सौंपे जाने के बाद राज्य में बदलाव की संभावना के सवाल पर माकन ने मुस्कुराते हुए कहा, "मैं ही दिल्ली हूं."
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थकों द्वारा सत्ता में अधिक भागीदारी की मांग के बीच राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार व जिला तथा ब्लॉक स्तर पर सांगठनिक नियुक्तियां जल्द होने की उम्मीद है. पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट के लिए कोई भूमिका तय किए जाने के सवाल पर माकन ने कहा, "हर कोई आलाकमान पर विश्वास रखता है सबने यही कहा है कि जो आलाकमान तय करेगा जिस भूमिका के लिए तय करेगा वह सबको मंजूर है." इसके साथ ही माकन ने राज्य की अशोक गहलोत सरकार के प्रदर्शन पर मुहर लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि सभी विधायक अपने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हुए विकास कार्यों से खुश हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी का जोर अब सरकार व संगठन में बेहतर तालमेल पर है ताकि 2023 में आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बने.
माकन ने कहा, "जब मैं विधायकों से बात कर रहा था तो हर विधायक ने मुझे बताया कि उसके निर्वाचन क्षेत्र में किस तरह से अभूतपूर्व विकास कार्य हुए हैं. चाहे शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, सड़क हो, अस्पतालों की बात हो ... एक के बाद एक विधायक आकर बता रहे थे. सब विधायक संतुष्ट हैं और सब विकास की राह पर आगे बढ़ रहे हैं." माकन ने शुक्रवार को कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में प्रदेश कार्यकारिणी से चर्चा की. कांग्रेस नेता ने कहा, "पिछले तीन दिन में मैंने राजस्थान में हमारे कांग्रेस व कांग्रेस समर्थक सभी विधायकों से बात की. 115 विधायकों से विधानसभा में चर्चा की. इसके अलावा, मुख्यमंत्री गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी व पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से अलग अलग, सबसे मैंने बात की.''
उन्होंने कहा, "हमने मुख्य रूप से इस बात पर चर्चा की कि 2023 में किसी प्रकार से हम कांग्रेस पार्टी की सरकार वापस कैसे ला सकते हैं. प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में भी हमने इस पर चर्चा की कि सरकार व संगठन में बेहतर समन्वय हो सके ताकि हम लोग मिलकर 2023 में कांग्रेस को वापस सत्ता में ला सकें." राज्य की अशोक गहलोत सरकार दिसंबर 2018 में सत्ता में आई और अपना लगभग आधा कार्यकाल पूरा कर चुकी है. राजस्थान की 200 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 106 विधायक हैं. इसके अलावा 13 निर्दलीय विधायकों का उसे समर्थन प्राप्त है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी मंत्रिपरिषद में नौ और मंत्री रख सकते हैं. इस समय गहलोत मंत्रिपरिषद् में मुख्यमंत्री सहित कुल 21 मंत्री हैं.
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