बेअंत सिंह हत्याकांड मामले (Beant Singh Murder Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह दोषी बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने के लिए राष्ट्रपति को सिफारिश भेजने पर 26 जनवरी से पहले 25 जनवरी तक फैसला ले. सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (CJI) एस ए बोबडे ने कहा कि ये एक अच्छी तारीख है. राजोआना की ओर से पेश मुकुल रोहतगी ने कहा कि दोषी की दया याचिका 8 साल से लंबित है.
पिछली सुनवाई में अदालत ने केंद्र से पूछा था कि वह दोषी बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने के लिए राष्ट्रपति को प्रस्ताव कब भेजेगी. सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते में केंद्र सरकार को ये बताने के लिए कहा था.
दरअसल पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री (CM) बेअंत सिंह की हत्या के लिए राजोआना को मौत की सजा सुनाई गई थी. राजोआना ने सजा और सजा के खिलाफ अपील नहीं की है. वो पिछले 25 सालों से जेल में है. दूसरों ने उसकी ओर से दया याचिका दायर की.
CJI ने कहा कि अन्य सह अभियुक्तों द्वारा लंबित अपील का केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लिए गए फैसले से कोई प्रासंगिकता नहीं है कि गुरु नानक की 550 वीं जयंती के उपलक्ष्य में कुछ दोषियों की मौत की सजा कम करने का फैसला किया जाए.
सितंबर 2019 में गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार को पत्र लिखा था कि गुरु नायक देव जी की 550 वीं जयंती के अवसर पर, कुछ कैदियों की रिहाई प्रस्तावित है. राजोआना ने कोई अपील भी नहीं की है, ऐसे में उसका कोई मामला अदालत में लंबित नहीं है. एक बार जब सरकार ने दोषी व्यक्ति की माफी लिए राष्ट्रपति को सिफारिश करने का फैसला किया है, तो उसके सह-अभियुक्तों के सुप्रीम कोर्ट में अपील के लंबित रहना अनुच्छेद 72 के तहत शुरू की गई प्रक्रिया में देरी नहीं कर सकता.
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