कर्नाटक सरकार ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रसार पर बेहतर तरीके से निगरानी करने के लिए कंटेनमेंट ज़ोन (containment zones) को परिभाषित किया है. इसके एक दिन बाद राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉक्टर के सुधाकर ने कहा कि कंटेनमेंट ज़ोन को चिह्नित करने के लिए केवल अस्थायी बैरियर्स (अवरोधक) का इस्तेमाल किया जाएगा. के सुधाकर का यह बयान बेंगलुरू नगर निगम के अधिकारियों की वायरल तस्वीरों के संबंध में हैं, जिसमें अधिकारियों ने कोरोना मरीजों के साथ उनके परिवार को भी घर के अंदर सील कर दिया था. जिसको लेकर बेंगलुरू नगर निगम की काफी आलोचना भी हुई थी.
डॉ. के सुधाकर ने एनडीटीवी को बताया, "कंटेनमेंट ज़ोन को लेकर नए दिशानिर्देशों में स्पष्ट है कि यह (हार्ड बैरिकेडिंग) स्वीकार्य नहीं है. कंटेनमेंट ज़ोन का सीमांकन अस्थायी होना चाहिए. हालांकि, यह एक अस्थायी बैरियर है जो यह दिखाता है कि यह घर या एरिया कंटेनमेंट ज़ोन है. यह कोई बर्लिन की दीवार नहीं है."
कंटेनमेंट ज़ोन को फिर से परिभाषित करने के लिए गुरुवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक, अधिकारियों से कोरोना संक्रमित व्यक्ति के घर के बाहर नोटिस चस्पा किया जाएगा और उनके पड़ोसियों को इसके बारे में सूचित किया जाएगा.
उन्होंने कहा, "कर्नाटक में 80,000 एक्टिव केस हैं, बेंगलुरू में अकेले करीब 16000 कंटेनमेंट ज़ोन बनाए गए हैं. हमने बीबीएमपी से कहा है कि कंटेनमेंट ज़ोन की संख्या कम की जाए ताकि निगरानी संभव हो सके और नियमों को सख्ती से लागू किया जा सके. टास्क फोर्स कमेटी के लिए सर्वेक्षण करना आसान होना चाहिए.
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