सांकेतिक तस्वीर
विशाखापट्टनम:
विशाखापट्टनम के बंदरगाह पर पहुंचे एक बक्से में बांग्लादेश का एक नागरिक बंद मिला है. यह घटना बेहद चौंकाने वाली है क्योंकि यह बक्सा 12 दिन की यात्रा के बाद यहां पहुंचा है.
वन टाउन पुलिस थाने के इंस्पेक्टर के वेंकट राव ने बताया कि बांग्लादेश के मुंशीगंज जिले के विक्रमपुर गांव का निवासी 26 वर्षीय मोहम्मद आर हुसैन कुछ दिन पहले ही ढाका से चटगांव पहुंचा था. यहां उसने एक खाली बक्सा देखा और वह उसमें घुसकर सो गया.
इस बक्से की बुकिंग विशाखापट्टनम की सामसारा शिपिंग कंपनी ने की थी. जिनेवा की इस कंपनी का यह बक्सा बांग्लादेश में बंद किया गया था. जिसके बाद उसे जहाज पर चढ़ाया गया जहां से इसे विशाखापट्टनम भेजा जाना था. इस यात्रा में 12 दिन का वक्त लगा.
जब यह बक्सा 12 दिन बाद खोला गया तो यह व्यक्ति उसमें अर्ध बेहोशी की हालत में मिला. उसे पानी की गंभीर रूप से कमी हो चुकी थी, क्योंकि इतने दिन तक उसे न भोजन मिला और न ही पानी मिला. राव ने बताया कि इस व्यक्ति का स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है.
उन्होंने कहा, 'यह चमत्कार ही था कि वह बच गया. उसकी सेहत जरा संभल जाए तब हम उससे पूछताछ करेंगे. हमने उसे अपने संरक्षण में ले लिया है.' राव ने बताया कि कुछ प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद उसे वापस बांग्लादेश भेज दिया जाएगा.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
वन टाउन पुलिस थाने के इंस्पेक्टर के वेंकट राव ने बताया कि बांग्लादेश के मुंशीगंज जिले के विक्रमपुर गांव का निवासी 26 वर्षीय मोहम्मद आर हुसैन कुछ दिन पहले ही ढाका से चटगांव पहुंचा था. यहां उसने एक खाली बक्सा देखा और वह उसमें घुसकर सो गया.
इस बक्से की बुकिंग विशाखापट्टनम की सामसारा शिपिंग कंपनी ने की थी. जिनेवा की इस कंपनी का यह बक्सा बांग्लादेश में बंद किया गया था. जिसके बाद उसे जहाज पर चढ़ाया गया जहां से इसे विशाखापट्टनम भेजा जाना था. इस यात्रा में 12 दिन का वक्त लगा.
जब यह बक्सा 12 दिन बाद खोला गया तो यह व्यक्ति उसमें अर्ध बेहोशी की हालत में मिला. उसे पानी की गंभीर रूप से कमी हो चुकी थी, क्योंकि इतने दिन तक उसे न भोजन मिला और न ही पानी मिला. राव ने बताया कि इस व्यक्ति का स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है.
उन्होंने कहा, 'यह चमत्कार ही था कि वह बच गया. उसकी सेहत जरा संभल जाए तब हम उससे पूछताछ करेंगे. हमने उसे अपने संरक्षण में ले लिया है.' राव ने बताया कि कुछ प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद उसे वापस बांग्लादेश भेज दिया जाएगा.
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