यह ख़बर 03 अक्टूबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

बान ने विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए गांधी को किया याद

खास बातें

  • बान ने कहा कि ‘मौलिक मानवाधिकार और विविधता के प्रति आदर और न्याय के वैश्विक महानायक’ गांधी के उदाहरण ने मार्टिन लूथर किंग और नेल्सन मंडेला जैसे कई इतिहास निर्माताओं को प्रेरित किया है।
संयुक्त राष्ट्र:

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान-की-मून ने ‘अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस’ के मौके पर महात्मा गांधी की विरासत का आह्वान करते हुए सभी देशों से महिलाओं के प्रति भेदभाव सहित अपने सभी विवादों के हल और हिंसा रोकने के लिए शांतिपूर्ण वार्ता का तरीका अपनाने को कहा।

महात्मा गांधी की जयंती के उपलक्ष्य में बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में आयोजित एक कार्यक्रम में बान ने कहा कि गांधी ने हमें अत्याचार, अन्याय और घृणा के शांतिपूर्ण विरोध की शक्ति से अवगत कराया और अहिंसा की उनकी यह विरासत अभी भी गूंज रही है।

बान ने कहा कि ‘मौलिक मानवाधिकार और विविधता के प्रति आदर और न्याय के वैश्विक महानायक’ गांधी के उदाहरण ने मार्टिन लूथर किंग और नेल्सन मंडेला जैसे कई इतिहास निर्माताओं को प्रेरित किया है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि इनमें से प्रत्येक ने मानव गरिमा का पक्षधर बनने और असिष्णुता को अस्वीकार करने का संदेश दिया था।

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संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की ओर से आयोजित एक समारोह में बान ने कहा, अहिंसा का मतलब कार्रवाई नहीं करना कतई नहीं है। अपनी इच्छा और मान्यताओं को बलपूर्वक लागू कराने वाले लोगों के खिलाफ खड़े होने के लिए साहस चाहिए। उन्होंने कहा, अन्याय, भेदभाव और क्रूरता का सामना करने के लिए संकल्प की आश्वयकता होती है। संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए ताकत की आवश्यकता होती है।