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This Article is From Nov 02, 2020

राखी बंधवाने की शर्त पर यौन उत्पीड़न के आरोपी को जमानत; AG बोले- जजों को शिक्षित करने की जरूरत

दरअसल. 30 जुलाई को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने छेड़छाड़ के आरोपी को सशर्त जमानत दी. शर्त यह है कि आरोपी रक्षाबंधन पर पीड़ित के घर जाकर उससे राखी बंधवाएगा और रक्षा का वचन देगा.

राखी बंधवाने की शर्त पर यौन उत्पीड़न के आरोपी को जमानत; AG बोले- जजों को शिक्षित करने की जरूरत
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले पर टिप्पणी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

पीड़िता को राखी बांधने के लिए यौन उत्पीड़न के आरोपी को जमानत देने का मामले में अटॉर्नी जनरल ने सोमवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर टिप्पणी की है. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इस नाटक की निंदा की जानी चाहिए और ऐसा लगता है कि अदालत अपने दायरे से बाहर चली गई है. जजों को शिक्षित करने की जरूरत है. जज भर्ती परीक्षा में लिंग संवेदीकरण का एक हिस्सा होना चाहिए. जजों, राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी और राज्य न्यायिक अकादमी के लिए परीक्षा में लैंगिक संवेदनशीलता पर कार्यक्रम होना चाहिए.

अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जहां तक संवेदनशीलता का संबंध है, लिंग संवेदीकरण और शिकायत निवारण समिति सुप्रीम कोर्ट में है. जिला और अधीनस्थों अदालतों के अलावा हाईकोर्ट में भी लिंग संवेदीकरण के बारे में को लेक्चर दिए जाने की जरूरत है. 

सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल (एजी), याचिकाकर्ताओं और हस्तक्षेपकर्ताओं से इस मुद्दे पर नोट प्रसारित करने और तीन सप्ताह के बाद मामले की सुनवाई को कहा है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर अटॉर्नी जनरल के के के वेणुगोपाल की मदद मांगी थी. 9 महिला वकीलों ने जमानत की शर्त को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. दलीलों में कहा गया है कि इस तरह के आदेश महिलाओं को एक वस्तु की तरह दिखाते हैं. 

दरअसल. 30 जुलाई को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने छेड़छाड़ के आरोपी को सशर्त जमानत दी. शर्त यह है कि आरोपी रक्षाबंधन पर पीड़ित के घर जाकर उससे राखी बंधवाएगा और रक्षा का वचन देगा. आरोपी विक्रम बागरी उज्जैन जेल में बंद है. अप्रैल में पड़ोस में रहने वाली महिला के घर में घुसकर छेड़छाड़ के आरोप में जेल में बंद विक्रम बागरी ने इंदौर में जमानत याचिका दायर की थी. 

सभी पक्षों के तर्क सुनने के बाद जस्टिस रोहित आर्या की सिंगल बेंच ने आरोपी को 50 हजार के मुचलके के साथ जमानत दी. उसमें शर्त यह भी थी कि वह 3 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन 11 बजे अपनी पत्नी को साथ लेकर पीड़ित के घर राखी और मिठाई लेकर जाएगा और पीड़िता से आग्रह करेगा कि वह उसे भाई की तरह राखी बांधे. इसी के साथ विक्रम पीड़ित की रक्षा का वचन देकर भाई के रूप में परम्परा अनुसार उसे 11 हजार रुपये देगा और पीड़िता के बेटे को भी 5 हजार रुपये कपड़े और मिठाई के लिए देगा. 

इतना ही नहीं, आदेश में, इस सबकी तस्वीरें रजिस्ट्री में जमा कराने के निर्देश भी कोर्ट ने दिए थे. कहा गया कि आरोपी को लिखित में ये भी देना होगा कि वह कोविड-19 को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार के सोशल डिस्टेंसिंग के साथ समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन करेगा.

वीडियो: ड्रग्स मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट से रिया चक्रवर्ती को जमानत

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