उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में सामूहिक बलात्कार के बाद फांसी पर चढ़ाए जाने की वहशियाना हरकत की शिकार हुई किशोरियों के परिजन ने इसे दिल्ली बलात्कार कांड से भी जघन्य वारदात करार देते हुए कहा कि इस मामले के आरोपियों को सारी दुनिया के सामने फांसी पर लटका देना चाहिए।
जिले के उसहैत कस्बे में मंगलवार रात हुई इस वारदात की शिकार लड़कियों में से एक के पिता ने कहा कि यह मामला सारे देश को झकझोरने वाले दिल्ली सामूहिक बलात्कार कांड से भी ज्यादा जघन्य है, इसलिए उनकी मांग है कि मामले की सीबीआई जांच हो और आरोपियों को फांसी से कम सजा न हो।
उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि जिस तरह सारी दुनिया ने हमारी मासूम बेटियों को फांसी पर लटकते देखा, उसी तरह दुनिया उनके गुनहगारों को भी फांसी से लटकते देखे। उन्हें सरेआम फांसी पर लटका देना चाहिए। 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली में चलती बस में एक मेडिकल छात्रा की सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी मौत को लेकर पूरे देश में ऐसी घिनौनी हरकत के खिलाफ आंदोलन खड़ा हो गया था। बाद में इस मामले में आरोपियों को अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।
प्रदेश की सपा सरकार से नाराजगी जाहिर करते हुए लड़की के पिता ने कहा कि उन्हें राज्य सरकार के वादों और घोषणाओं पर भरोसा नहीं है। उन्हें नहीं लगता कि राज्य सरकार ने सुरक्षा तथा मुआवजे के जो वादे किए हैं, उन्हें पूरा किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस वारदात पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए पीड़ित परिजन को पूरी सुरक्षा देने तथा पांच-पांच लाख रुपये की मदद की घोषणा की थी।
गौरतलब है कि उसहैत थाना क्षेत्र में मंगलवार की रात शौच के लिए गई 14 तथा 15 साल की चचेरी बहनों के शव अगले दिन सुबह एक बाग में पेड़ पर फांसी से लटकते पाए गए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके साथ सामूहिक बलात्कार के बाद फांसी पर चढ़ाकर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई थी। इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
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