विज्ञापन
This Article is From Aug 25, 2014

बदायूं केस में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं करेगी सीबीआई

नई दिल्ली:

बदायूं मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है, सीबीआई ने उन दो चचेरी बहनों के कथित बलात्कार और हत्या मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार पांच आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल नहीं करने का निर्णय किया है। इन दोनों के शव इस वर्ष मई में एक पेड़ से लटकते मिले थे।

सीबीआई सूत्रों ने आज कहा कि आरोपियों को हत्या से जोड़ने वाला कोई सबूत नहीं है और दोनों पीड़ितों की मौत से पहले उनका कोई यौन उत्पीड़न नहीं हुआ था।

इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार पांच आरोपियों पप्पू, अवधेश और उर्वेश यादव (तीन भाइयों) और सिपाही छत्रपाल यादव और सर्वेश यादव को जमानत मिल सकती है क्योंकि उनके हिरासत में 90 दिन पूरे हो गए हैं। नियमों के मुताबिक जांच एजेंसी को किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी की तिथि से (जघन्य अपराध मामलों में) 90 दिन और (सभी अन्य मामलों में) 60 दिन के भीतर आरोपपत्र दाखिल करना होता है।

सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'मेडिकल बोर्ड इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि दोनों में से किसी भी पीड़ित का यौन उत्पीड़न संदेहास्पद प्रतीत होता है।' सीबीआई प्रवक्ता कंचन प्रसाद ने कहा कि सीबीआई फिलहाल पांचों आरोपियों के खिलाफ कोई आरोपपत्र दाखिल नहीं करेगी।

सीबीआई ने हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक्स (सीडीएफडी) की मदद ली थी, जिसने दोनों लड़कियों के यौन उत्पीड़न को खारिज किया था। इसके साथ ही दोनों चचेरी बहनों के अभिभावकों के बयानों में विरोधाभास है।

सूत्रों ने कहा कि सीडीएफडी रिपोर्ट में दोनों चचेरी बहनों की हत्या से पहले उनके यौन उत्पीड़न को लेकर उठाये गए कई संदेह दूर किए और अब संदेह की सुई परिवार के सदस्यों की ओर उठ रही है, क्योंकि झूठ पकड़ने की जांच के दौरान भी उनके बयानों में काफी विसंगतियां थीं। सूत्रों ने कहा कि सीबीआई झूठी शान के लिए हत्या के कोण से इनकार नहीं कर रही है।

यौन उत्पीड़न से इनकार के साथ ही पांच व्यक्तियों ने झूठ पकड़ने की जांच पास कर ली थी। 14 और 15 वर्ष की दो चचेरी बहनों के शव गत मई के आखिर सप्ताह में उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक पेड़ से लटके मिले थे। इसे लेकर पूरे देश में आक्रोश व्याप्त हो गया था तथा कानून एवं व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी की सरकार निशाने पर आ गई थी।

सीबीआई का जांच निष्कर्ष उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ए एल बनर्जी के कथन के अनुरूप है। उन्होंने दावा किया था कि एक पीड़ित से बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है और इस अपराध के उद्देश्यों में सम्पत्ति भी हो सकता है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
निपाह वायरस: जांच में 13 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव, कितना खतरनाक है यह वायरस?
बदायूं केस में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं करेगी सीबीआई
रेलवे की बड़ी लापरवाही!  हरदोई में फैक्चर ट्रैक से गुजरी दो ट्रेनें, बड़ा हादसा होने से टला
Next Article
रेलवे की बड़ी लापरवाही! हरदोई में फैक्चर ट्रैक से गुजरी दो ट्रेनें, बड़ा हादसा होने से टला
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com