नई दिल्ली:
दो हफ्ते से एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती दो साल की बच्ची की हालत अभी भी खतरे से बाहर नहीं है। डॉक्टर के मुताबिक बच्ची का ऑपरेशन करना पड़ सकता है। दूसरी ओर पुलिस इस पूरे मामले में दो लोगों की तलाश कर रही है। बच्ची की असली मां और नाबालिग लड़की को बच्ची सौंपने वाले शख्स दिलशाद उर्फ राजकुमार की।
जिंदगी की जंग लड़ रही दो साल की मासूम एक बार फिर वेंटिलेटर के सहारे है। डॉक्टरों के मुताबिक बच्ची के सीने में इंपेक्शन है साथ ही दिमाग के हुए सीटी स्कैन में कुछ फ्लूएड देखा गया है। दो हफ्ते तक लगातार कड़ी कोशिश के बावजूद डॉक्टर यह कहने की हालत में नहीं हैं कि बच्ची को बचा पाएंगे या नहीं।
दो साल की फलक को एम्स लेकर आने वाली भी 15−16 साल की नाबालिग लड़की थी जिसने खुद को बच्ची की मां बताया लेकिन अब पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि अपनी मां से बिछड़कर अस्पताल पहुंचने तक छोटी-सी बच्ची कई हालात और हाथ से होकर गुजरी है लेकिन चार-पांच दिनों बाद ही मुन्नी बच्ची को छोड़कर चली गईा लक्ष्मी के पास अपने चार बच्चे थे लिहाजा उसने अपने घर आने वाले मनोज को बच्ची दे दी। मनोज से यह बच्ची दिलशाद उर्फ राजकुमार के हाथ पहुंची जो शादीशुदा था और एक बेटे का बाप भी। राजकुमार का बेटा मानसिक तौर पर बीमार था और वह मुंबई में अपने ननिहाल में रहता था। राजकुमार ने पहले सोचा कि बच्ची की वजह से उसकी पत्नी तबस्सुम का मन लगेगा और वह उसे घर ले आया लेकिन पत्नी ने उसे रखने से इनकार कर दिया।
इस पूरे मामले में पुलिस को जिस शख्स की बड़ी शिद्दत से तलाश है उसका नाम दिलशाद उर्फ राजकुमार है जिसने शादीशुदा होकर एक नाबालिक का शोषण किया फिर बेसहारा छोड़कर मुंबई चला गया।
बच्ची को अस्पताल लाने वाली भी नाबालिग है जिसने पहले तो खुद को उसकी मां बताया फिर बाद में पता चला कि वह खुद ही फरेब का शिकार हुई। वह बीते डेढ़ महीने से अपना घर छोड़कर राजकुमार के साथ रह रही थी राजकुमार ने संगम विहार में एक कमरा ले रखा था जहां शरण देने के बहाने नाबालिक का शारीरिक शोषण कर रहा था जब राजकुमार की पत्नी ने बच्ची को रखने से मना किया कि तो उसे लाकर लड़की को थमा दिया। संयोग से तभी अपने बच्चे की तबीयत खराब होने से राजकुमार की पत्नी मुंबई चली गई और उसके पीछे 12 जनवरी को खुद राजकुमार भी चला गया और पीछे रह गई संगम विहार के एक कमरे में दो नाबालिग लड़कियां। उनके पास खाने तक को कुछ नहीं था। लिहाजा जब बच्ची भूख से रोने लगती तो लड़की का धीरज जवाब दे जाता और वह उसे पीटकर चुप कराने की कोशिश करती लेकिन 18 जनवरी को सिर में गंभीर चोट आने के बाद पड़ोसी उसे पहले प्राइवेट नर्सिंग होम ले गए लेकिन बच्ची की हालत नाजुक थी तो एम्स जाने को कहा गया। अब पुलिस को उस लड़की को लेकर जुवेनाइल कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट भी पेश करनी है साथ ही उसका शोषण करने वाले राजकुमार की तलाश भी।
जिंदगी की जंग लड़ रही दो साल की मासूम एक बार फिर वेंटिलेटर के सहारे है। डॉक्टरों के मुताबिक बच्ची के सीने में इंपेक्शन है साथ ही दिमाग के हुए सीटी स्कैन में कुछ फ्लूएड देखा गया है। दो हफ्ते तक लगातार कड़ी कोशिश के बावजूद डॉक्टर यह कहने की हालत में नहीं हैं कि बच्ची को बचा पाएंगे या नहीं।
दो साल की फलक को एम्स लेकर आने वाली भी 15−16 साल की नाबालिग लड़की थी जिसने खुद को बच्ची की मां बताया लेकिन अब पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि अपनी मां से बिछड़कर अस्पताल पहुंचने तक छोटी-सी बच्ची कई हालात और हाथ से होकर गुजरी है लेकिन चार-पांच दिनों बाद ही मुन्नी बच्ची को छोड़कर चली गईा लक्ष्मी के पास अपने चार बच्चे थे लिहाजा उसने अपने घर आने वाले मनोज को बच्ची दे दी। मनोज से यह बच्ची दिलशाद उर्फ राजकुमार के हाथ पहुंची जो शादीशुदा था और एक बेटे का बाप भी। राजकुमार का बेटा मानसिक तौर पर बीमार था और वह मुंबई में अपने ननिहाल में रहता था। राजकुमार ने पहले सोचा कि बच्ची की वजह से उसकी पत्नी तबस्सुम का मन लगेगा और वह उसे घर ले आया लेकिन पत्नी ने उसे रखने से इनकार कर दिया।
इस पूरे मामले में पुलिस को जिस शख्स की बड़ी शिद्दत से तलाश है उसका नाम दिलशाद उर्फ राजकुमार है जिसने शादीशुदा होकर एक नाबालिक का शोषण किया फिर बेसहारा छोड़कर मुंबई चला गया।
बच्ची को अस्पताल लाने वाली भी नाबालिग है जिसने पहले तो खुद को उसकी मां बताया फिर बाद में पता चला कि वह खुद ही फरेब का शिकार हुई। वह बीते डेढ़ महीने से अपना घर छोड़कर राजकुमार के साथ रह रही थी राजकुमार ने संगम विहार में एक कमरा ले रखा था जहां शरण देने के बहाने नाबालिक का शारीरिक शोषण कर रहा था जब राजकुमार की पत्नी ने बच्ची को रखने से मना किया कि तो उसे लाकर लड़की को थमा दिया। संयोग से तभी अपने बच्चे की तबीयत खराब होने से राजकुमार की पत्नी मुंबई चली गई और उसके पीछे 12 जनवरी को खुद राजकुमार भी चला गया और पीछे रह गई संगम विहार के एक कमरे में दो नाबालिग लड़कियां। उनके पास खाने तक को कुछ नहीं था। लिहाजा जब बच्ची भूख से रोने लगती तो लड़की का धीरज जवाब दे जाता और वह उसे पीटकर चुप कराने की कोशिश करती लेकिन 18 जनवरी को सिर में गंभीर चोट आने के बाद पड़ोसी उसे पहले प्राइवेट नर्सिंग होम ले गए लेकिन बच्ची की हालत नाजुक थी तो एम्स जाने को कहा गया। अब पुलिस को उस लड़की को लेकर जुवेनाइल कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट भी पेश करनी है साथ ही उसका शोषण करने वाले राजकुमार की तलाश भी।
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