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This Article is From Sep 30, 2020

Babri Demolition Case Verdict: जब मामले की सुनवाई कर रहे स्पेशल CBI जज एसके यादव का बढ़ाया गया था कार्यकाल

बाबरी विध्वंस मामले में बुधवार को फैसला आना है. यह फैसला लखनऊ के स्पेशल सीबीआई कोर्ट में स्पेशल सीबीआई जज एसके यादव सुनाने वाले हैं.

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Babri Demolition Case Verdict: जब मामले की सुनवाई कर रहे स्पेशल CBI जज एसके यादव का बढ़ाया गया था कार्यकाल
30 सितंबर, 2019 को रिटायर होने वाले थे स्पेशल जज एसके यादव.
नई दिल्ली:

बाबरी विध्वंस मामले (Babri Demolition Case verdict) में बुधवार को फैसला आना है. यह फैसला लखनऊ के स्पेशल सीबीआई कोर्ट में स्पेशल सीबीआई जज एसके यादव सुनाने वाले हैं. दिलचस्प बात यह है कि एसके यादव अपने पद पर तयशुदा वक्त से एक साल ज्यादा साल कार्यरत हैं, दरअसल, इस केस के लिए खासतौर पर उनका कार्यकाल बढ़ाया गया है. दूसरी दिलचस्प बात यह भी है कि यह फैसला 30 सितंबर, 2020 को आ रहा है और उन्हें ठीक एक साल बाद इस मामले में फैसला सुनाना है.

दरअसल, मामले का ट्रायल करने वाले स्पेशल जज एसके यादव पिछले साल 30 सितंबर को ही रिटायर होने वाले थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने होने नहीं दिया. सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल सीबीआई जज एसके यादव से अप्रैल 2020 तक मामले की सुनवाई पूरी करके फैसला सुनाने को कहा था. कार्यकाल बढ़ाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब मांगा था, जिसके जवाब में यूपी सरकार ने कहा था कि राज्य में किसी जज का कार्यकाल बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं है. इसलिए कोर्ट अपने अनुच्छेद 142 के तहत अधिकार के तहत यह कर सकता है.

इसके बाद शीर्ष अदालत ने इनका कार्यकाल फैसला आने तक बढ़ाने के आदेश जारी किए. आदेश के मुताबिक, यूपी सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया और उनका कार्यकाल फैसला आने तक बढ़ा दिया. ट्रायल के दौरान जज ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सुरक्षा मुहैया कराने की मांग भी की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से उन्हें सुरक्षा देने के निर्देश दिए थे.

यह भी पढ़ें: Babri Demolition Case: 28 सालों से कानूनी पेंच में फंसे केस में आ रहा है फैसला, ये रही केस की टाइमलाइन

बता दें कि यह मामला 28 सालों से खिंच रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल कोर्ट को अगस्त महीने तक ट्रायल पूरा करने की डेडलाइन दी थी और कहा था कि कोर्ट जल्द से जल्द इस मामले में फैसला सुनाए, जिसके बाद स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने बाबरी विध्वंस केस में आखिरी फैसला सुनाने के लिए 30 सितंबर, 2020 को आखिरी तारीख तय की.

इस हाई-प्रोफाइल केस में कुल 49 आरोपियों में से भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेताओं- एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और कई अन्य नेता आरोपी हैं. कोर्ट ने फैसले वाले दिन सभी आरोपियों से कोर्ट में उपस्थित रहने को कहा था, हालांकि, इस मामले में कई आरोपी नेताओं का निधन हो चुका है और कई स्वास्थ्य कारणों से कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सकते हैं.

Video: बाबरी पर 28 साल बाद स्पेशल CBI कोर्ट का फैसला

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