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This Article is From Oct 01, 2020

बाबरी विध्वंस पर विशेष अदालत का आया फैसला, तो स्वरा भास्कर ने यूं दिया रिएक्शन

लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 28 साल पुराने बाबरी विध्वंस केस में फैसला (Babri Demolition Case Verdict) सुनाते हुए मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. इस पर स्वरा भास्कर (Swara Bhasker) ने रिएक्शन दिया है.

बाबरी विध्वंस पर विशेष अदालत का आया फैसला, तो स्वरा भास्कर ने यूं दिया रिएक्शन
स्वरा भास्कर (Swara Bhasker) ने किया ट्वीट
नई दिल्ली:

लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 28 साल पुराने बाबरी विध्वंस केस में फैसला (Babri Demolition Case Verdict) सुनाते हुए मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. विशेष अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने अपने फैसले में कहा कि बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी. उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी. सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा बाबरी विध्वंस केस (Babri Demolition Case Verdict) में फैसला आने के बाद बॉलीवुड गलियारे से भी खूब रिएक्शन आ रहे हैं.

स्वरा भास्कर (Swara Bhasker) ने  बाबरी विध्वंस केस में फैसला (Babri Demolition Case Verdict) में फैसला आने के बाद ट्वीट किया. उन्होंने लिखा: ''बाबरी मस्जिद खुद ही गिर गया था.'' वहीं  ऋचा चड्ढा (Richa Chadha) ने ट्वीट किया: ''इस जगह से ऊपर भी एक अदालत है, यहां देर है अंधेर नहीं.'' बता दें सेलेब्स के इन ट्वीट्स पर खूब रिएक्शन आ रहे हैं.

बता दें कि न्यायालय ने कहा कि सीबीआई ने इस मामले की वीडियो फुटेज की कैसेट पेश की, उनके दृश्य स्पष्ट नहीं थे और न ही उन कैसेट्स को सील किया गया। घटना की तस्वीरों के नेगेटिव भी अदालत में पेश नहीं किये गये. अदालत ने कहा कि छह दिसम्बर 1992 को दोपहर 12 बजे तक सब ठीक था. मगर उसके बाद ‘‘विवादित ढांचा'' के पीछे से पथराव शुरू हुआ. विश्व हिन्दू परिषद नेता अशोक सिंघल ‘‘विवादित ढांचे'' को सुरक्षित रखना चाहते थे क्योंकि ढांचे में रामलला की मूर्तियां रखी थीं. उन्होंने उन्हें रोकने की कोशिश की थी और कारसेवकों के दोनों हाथ व्यस्त रखने के लिए जल और फूल लाने को कहा था.

विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश यादव ने 16 सितंबर को इस मामले के सभी 32 आरोपियों को फैसले के दिन अदालत में मौजूद रहने को कहा था. वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और सतीश प्रधान अलग-अलग कारणों से न्यायालय में हाजिर नहीं हो सके. बता दें कि कल्याण सिंह बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय भी इस मामले के आरोपियों में शामिल थे. मामले के कुल 49 अभियुक्त थे, जिनमें से 17 की मृत्यु हो चुकी है.

इस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साघ्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, डॉ. राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश शर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दूबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण शरण सिंह, कमलेश त्रिपाठी, रामचंद्र खत्री, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमर नाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, साक्षी महाराज, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धमेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ और धर्मेंद्र सिंह गुर्जर आरोपी थे. (इनपुट: भाषा)
 

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