हरिद्वार:
कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठे बाबा रामदेव ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक कर दिया। इसके अनुसार उनका व्यावसायिक साम्राज्य 1100 करोड़ रुपये का है। उन्होंने दावा किया कि सब कुछ व्यवस्थित है। अपने अनशन के छठे दिन योग गुरु ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया जिसमें रामदेव के करीबी सहयोगी बालकृष्ण ने बताया कि उनके द्वारा संचालित चार ट्रस्टों की कुल पूंजी 426.19 करोड़ रुपये की है जबकि उन पर 751.02 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। बालकृष्ण ने कहा, हम काम और वित्तीय मामलों में पारदर्शिता में विश्वास करते हैं। हमारे सभी व्यवसाय और कंपनियों का उचित हिसाब-किताब है। नियमों के मुताबिक सरकार हर दो साल में हमारे ट्रस्टों की समीक्षा करती है तब हमारा हिसाब-किताब स्पष्ट होता है। क्या आया है... क्या गया है... किसने दिया है और यह किस तरह खर्च किया गया सब ब्यौरा रखा जाता है। अपनी घोषणा के अनुरूप योगगुरु बाबा रामदेव ने अपने ट्रस्टों के आय-व्यय का ब्यौरा तो दिया मगर कंपनियों का विवरण मांगे जाने पर अपने सहयोगी बालकृष्ण के साथ संवाददाता सम्मेलन को छोड़कर चले गए। घोषणा के अनुसार 1995 से अस्तित्व में आए बाबा रामदेव के पहले ट्रस्ट दिव्य योग मंदिर के पास वर्तमान पूंजी 249 करोड़ रुपये की है और यह ट्रस्ट अब तक 685 करोड़ 25 लाख रुपये जनसेवा के कार्यों पर खर्च कर चुका है। दूसरे ट्रस्ट पतंजलि योग पीठ के पास 164 करोड़ 80 अस्सी लाख रुपये की वर्तमान पूंजी है तथा इस योगपीठ ने अब तक 53 करोड़ 92 लाख रुपये जनसेवा पर खर्च किए हैं। तीसरा ट्रस्ट भारत स्वाभिमान ट्रस्ट की वर्तमान पूंजी 9 करोड़ 97 लाख है और अब तक 11 करोड़ 51 लाख रुपये जनसेवा पर खर्च किया जा चुके हैं। चौथे ट्रस्ट आचार्य कुल शिक्षण संस्थान की वर्तमान पूंजी एक करोड़ 79 लाख रुपये है तथा ट्रस्ट अब तक 64 लाख रुपये खर्च कर चुका है। इसके अलावा दो अन्य ट्रस्ट जो कि 2011 में शुरू हुए हैं इसलिए उनका ब्यौरा 2012 में इंटरनेट पर डाल दिया जाएगा। वर्तमान में बाबा रामदेव करीब 500 करोड़ की पूंजी वाले चार ट्रस्टों के मालिक है लेकिन बाबा की कितनी कंपनियां हैं उन्होंने इसका ब्यौरा नहीं दिया।
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