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This Article is From Apr 10, 2011

रामदेव ने दी अपने बयान पर सफाई

New Delhi: जन लोकपाल बिल की ड्राफ्टिंग कमेटी के सदस्यों को लेकर दिए गए बयान पर बाबा रामदेव ने सफाई दी है। बाबा रामदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया और उनका अन्ना हजारे से कोई विवाद नहीं है। बाबा रामदेव ने कहा कि भ्रष्टाचार से लड़ाई बहुत लंबी है और इस लड़ाई में किसी किस्म के विवाद की कोई जगह नहीं है। इससे पहले, लोकपाल विधेयक की प्रारूप समिति में पिता पुत्र शांति भूषण और प्रशांत भूषण को शामिल करने पर बाबा रामदेव की आपत्ति की पृष्ठभूमि में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने रविवार को कहा कि व्यक्तियों के प्रतिनिधित्व की बजाय इसमें विशेषज्ञों का होना ज्यादा महत्वपूर्ण है। हजारे ने सफाई दी, फिलहाल समिति में विशेषज्ञों की जरूरत है, जो मजबूत विधेयक का मसौदा तैयार कर सकें। किसे इसका हिस्सा होना चाहिए और किसे नहीं होना चाहिए- यह महत्वपूर्ण मामला नहीं है। यह बाद के चरण में महत्वपूर्ण होगा, जब लोकपाल समिति बनेगी। जब उनसे पूछा गया कि सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता किरण बेदी को इस समिति का हिस्सा क्यों नहीं बनाया गया, तब हजारे ने कहा कि व्यक्ति महत्वपूर्ण नहीं हैं और इस चरण में समिति में विशेषज्ञों की जरूरत है। हजारे के आंदोलन से जुड़ने वाले बाबा रामदेव ने शांति भूषण और प्रशांत भूषण, दोनों को शामिल किए जाने पर वंशवाद का आरोप लगाते हुए उसपर आपत्ति जताई है। बाबा रामदेव ने कहा है, समिति में भाई-भतीजावाद क्यों है। क्यों पिता एवं पुत्र दोनों को समिति में शामिल किया गया है। हजारे ने उनसे असहमति व्यक्त करते हुए कहा, आप मुझ पर कोई भी आरोप लगा सकते हैं। मैं ऐसा व्यक्ति हूं, जो गांधी के सिद्धांतों में यकीन करता है। इस पैनल में एक ही परिवार के दो सदस्यों को शामिल करने में कुछ भी गलत नहीं है। हमें अनुभव की जरूरत है। हमें विशेषज्ञता की जरूरत है।(इनपुट भाषा से भी)

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