UPI जैसे हेल्थ ऐप होंगे भारत का अगला बड़ा कदम, फाइल लेकर अस्पताल जानें की नहीं पड़ेगी जरूरत

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण और CoWIN के प्रमुख डॉ. आरएस शर्मा ने NDTV को एक इंटरव्यू में बताया कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत स्वास्थ्य-आधारित ऐप्स देश के सबसे बड़े स्वास्थ्य डेटाबेस के डिजिटल नेटवर्क में जानकारी फीड करेंगे. 

UPI जैसे हेल्थ ऐप होंगे भारत का अगला बड़ा कदम, फाइल लेकर अस्पताल जानें की नहीं पड़ेगी जरूरत

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण और CoWIN के प्रमुख डॉ. आरएस शर्मा (RS Sharma) ने NDTV को एक इंटरव्यू में बताया कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (Ayushman Bharat Digital Mission) के तहत स्वास्थ्य-आधारित ऐप्स (Health apps) देश के सबसे बड़े स्वास्थ्य डेटाबेस के डिजिटल नेटवर्क में जानकारी फीड करेंगे.शर्मा ने कहा कि यह सिस्टम लोगों को डॉक्टर के पास जाते वक्त अपने साथ पूरी फाइल लाने की आवश्यकता को समाप्त कर देगा क्योंकि उनकी मेडिकल हिस्ट्री एक ही जगह आसानी से उपलब्ध होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि मिशन का व्यापक उद्देश्य सस्ती, सुलभ और समावेशी स्वास्थ्य सेवाएं बनाना है. शर्मा ने एनडीटीवी से कहा, "आज, हम वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर संवाद कर रहे हैं और यह महसूस कर रहे हैं कि संवाद करना उतना ही प्रभावी है जितना कि आमने सामने एक ही कमरे में बैठकर करना. इसलिए भारत को स्वास्थ्य सेवाओं में अपनी डिजिटल क्षमता का लाभ उठाना चाहिए."

नया डिजिटल मिशन जो एक बाधा दूर करेगा, वह है स्वास्थ्य डेटा को एक ही स्थान पर रखना. 

डॉक्टर शर्मा ने कहा, "सिस्टम इंटरऑपरेबल होगा. वर्तमान में, हमारे पास डिजिटल सिस्टम हैं, लेकिन वे सभी साइलो में हैं, चाहे वह कोई मेडिकल डिलीवरी सिस्टम हो, फ़ार्मेसी सिस्टम हो ... लेकिन यह उन सभी को इंटरऑपरेबल बनाने जा रहा है."

सिस्टम के बारे में आगे बताते हुए, शर्मा ने मोटे तौर पर बताया कि डिजिटल सिस्टम का एक काम डॉक्टरों और मरीजों के बीच वर्चुअल मीटिंग को सक्षम करना है और इससे भी अधिक महत्वपूर्ण पहलू इंटरऑपरेबिलिटी है.

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उन्होंने कहा, "उदाहरण के लिए, आप ओला ऐप का इस्तेमाल ओला वाहनों को बुक करने के लिए करते हैं, और उबर का उबर टैक्सी बुक करने के लिए. और इसीलिए हम इसे यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस के समान यूनिफाइड हेल्थ इंटरफेस कह रहे हैं, जिसका अर्थ है कि कोई भी मरीज-ऐप सिस्टम से जुड़ सकता है.''

छह केंद्र शासित प्रदेशों में इस प्रणाली का परीक्षण किया गया है.

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उन्होंने कहा, "यूपीआई ऐप्स के समान, स्वास्थ्य डेटाबेस के साथ सिंक करने के लिए ऐप्स की संख्या की कोई सीमा नहीं है. लोग जितने चाहें उतने ऐप हो सकते हैं." उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप सिस्टम में प्लग इन कर सकते हैं, डेटा एक्सेस कर सकते हैं और पेशेंट-फेसिंग ऐप बना सकते हैं.

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शर्मा ने कहा, "यह एक लोकतांत्रिक मंच होगा और बड़े या छोटे सभी को समान अवसर प्रदान करेगा. साथ ही आपके घर के पास एक छोटी फार्मेसी आपसे जुड़ने के लिए ऐसे किसी भी ऐप का उपयोग कर सकती है."