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This Article is From Nov 09, 2019

Ayodhya Verdict: अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किसने क्या कहा, पढ़ें सबकी प्रतिक्रिया

Ayodhya News: सुप्रीम कोर्ट सियासी रूप से संवेदनशील अयोध्या विवाद (Ayodhya Verdict) मामले में फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विवादित ढ़ाचे की जमीन हिंदुओं को दी जाए और मुसलमानों को दूसरी जगह मस्जिद की जगह मिलेगी.

Ayodhya Verdict: अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किसने क्या कहा, पढ़ें सबकी प्रतिक्रिया
Ayodhya Verdict: अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
नई दिल्ली:

Ayodhya Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सियासी रूप से संवेदनशील अयोध्या विवाद (Ayodhya Verdict) मामले में फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विवादित ढ़ाचे की जमीन हिंदुओं को दी जाए और मुसलमानों को दूसरी जगह मस्जिद की जगह मिलेगी. फैसले के बाद राजनेताओं ने अपने ट्विटर अकाउंट प्रतिक्रिया व्यक्त की है. अरविंद केजरीवाल, उमा भारती, नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान समेत तमाम नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान और लोगों से भाईचारा बनाए रखने के लिए कहा. बता दें कि 5 जजों की बेंच ने 16 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई पूरी की थी. संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं.

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ट्विटर पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा, किसी ने कुछ नहीं खोया है. शांति बनाए रखें. मैं सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि भाईचारे की भावना खोनी नहीं चाहिए. यह किसी पार्टी विशेष की बात नहीं है. 

अरविंद केजरीवाल ने कहा, "सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच के पांचों जजों ने एकमत से आज अपना निर्णय दिया. हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. कई दशकों के विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया. वर्षों पुराना विवाद आज ख़त्म हुआ. मेरी सभी लोगों से अपील है कि शांति एवं सौहार्द बनाए रखें.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सभी को फैसले का सम्‍मान और शांति व भाईचारा बनाए रखने को कहा. वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, "अयोध्या (Ayodhya) मामले पर फैसला आ चुका है. एक बार फिर आपसे अपील करता हूं कि सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का हम सभी मिलजुलकर सम्मान व आदरकरें. किसी प्रकार के उत्साह ,जश्न व विरोध का हिस्सा ना बने. अफवाहों से सावधान व सजग रहें. किसी भी प्रकार के बहकावे में ना आवें. आपसी भाईचारा, संयम, अमन-चैन, शांति, सद्भाव व सौहार्द बनाए रखने में पूर्ण सहयोग प्रदान करें. सरकार प्रदेश के हर नागरिक के साथ खड़ी है. कानून व्यवस्था व अमन-चैन से खिलवाड़ करने वाले किसी भी तत्व को बख्‍शा नहीं जावेगा. पूरे प्रदेश में पुलिस प्रशासन को ऐसे तत्वों पर सख्‍ती से कार्यवाही के निर्देश पूर्व से ही दिए जा चुके हैं. यह प्रदेश हमारा है, हम सभी का है, कुछ भी हो, हमारा प्रेम, हमारी मोहब्बत, हमारा भाईचारा, हमारा आपसी सोहार्द खराब ना हो, यह हम सभी की ज़िम्मेदारी है. आज आवश्यकता है अमन व मोहब्बत के पैगाम को सभी तक फैलाएं , नफरत व वैमनस्य को परास्त करें."

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उमा भारती ने ट्वीट में लिखा, ''माननीय सुप्रीम कोर्ट के इस दिव्य फैसले का स्वागत. माननीय अशोक सिंघल जी को स्मरण करते हुए उनको शत्-शत् नमन. वह सब, जिन्होंने इस कार्य के लिए अपने जीवन की आहुति दे दी उन्हें श्रद्धांजलि एवं आडवाणी जी का अभिनंदन जिनके नेतृत्व में हम सब लोगों ने इस महान कार्य के लिए अपना सर्वस्व दांव पर लगा दिया था.''

मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने कहा, हम फैसले से संतुष्‍ट नहीं हैं. कुछ गलत तथ्‍य पेश किए गए हम उनकी जांच करेंगे. उच्‍चतम न्‍यायालय का फैसला है हम उसका सम्‍मान करते हैं. पूरे देश को शांति बनाए रखनी चाहिए.

मुस्लिम पक्ष के एक वकील ने कहा, फैसला हमें बाबरी मस्जिद नहीं देता, जो हमारे हिसाब से गलत है. मुस्लिम पक्ष के दूसरे वकील ने कहा, हमारे लिए पांच एकड़ जमीन के कोई मायने नहीं हैं. हम फैसले से जरा भी संतुष्‍ट नहीं हैं. हम नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं.

नीतीश कुमार ने कहा, सभी को फैसले का स्‍वागत करना चाहिए, सभी को एक-दूसरे का सम्‍मान करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आदर के साथ स्‍वीकार किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वसम्‍मति से है.

हिन्‍दू महासभा के वकील वरुण कुमार सिन्‍हा ने कहा, अयोध्या (Ayodhya) पर यह ऐतिहासिक फैसला है. इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट ने विविधता में एकता का संदेश दिया है. यह हिन्‍दओं के लिए जश्‍न का दिन है. ट्रस्‍ट बनेगा. मुस्लिमों को वैकल्पिक जमीन मिलेगी.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, यह फैसला मील का पत्‍थर है. सभी को फैसला स्‍वीकार करना चाहिए. मैं लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता है.

वरिष्‍ठ आरएसएस नेता एमजी वैद्य ने कहा, जमीन अब विवादित नहीं रही. अब राम मंदिर बनेगा. उच्‍चतम न्‍यायालय ने मुस्लिमों को मस्जिद बनवाने के लिए जमीन देने का ओदश दिया है. जो लोग संतुष्‍ट नहीं हैं वे फैसले को चुनौती दे सकते हैं.

पूर्व लोकसभा स्‍पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा, हमें फैसला स्‍वीकार करना चाहिए. यह संतुलित फैसला है, मुस्लिमों को जमीन मिलनी ही चाहिए.

बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा, सभी को फैसला स्‍वीकारा करना चाहिए. देश भर में शांति होनी चाहिए. राम सभी के हैं, किसी समुदाय विशेष के नहीं. सभी समुदाय राम का आदर करते हैं. राम एकता के प्रतीक हैं. अब राम मंदिर के निर्माण पर ध्‍यान देना चाहिए, वह राष्‍ट्रीय गर्व की तरह उभरना चाहिए. अब सभी  नागरिकों को आगे बढ़ना चाहिए.

आरजेडी नेता तेजस्‍वी यादव ने कहा, "हम उच्‍चतम न्‍यायालय के फैसले का सम्‍मान करते हैं, सभी को करना चाहिए. भारत के सभी मंदिर और मस्जिद हम सभी के हैं. पार्टियों और नेताओं को अब अच्‍छे कॉलेजों के बारे में सोचना चाहिए."

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कमाल फारूकी ने कहा, इसके बदले हमें 100 एकड़ जमीन भी दे दो तो कोई फायदा नहीं है. हमारी 67 एकड़ जमीन पहले से ही अधिग्रहित की हुई है तो हमको दान में क्‍या दे रहे हैं वो? हमारी 67 एकड़ जमीन लेने के बाद 5 एकड़ दे रहे हैं. ये कहां का इंसाफ है?

आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे हिंदू तथा मुस्लिम समुदायों के सदस्यों को ''खुशी तथा राहत'' मिली है. उन्होंने ट्वीट किया, ''मैं तहे दिल से माननीय उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करता हूं. इससे दोनों समुदाय के लोगों को खुशी और लंबे समय से चल रहे विवाद से राहत मिली है.'' आपको बता दें कि रविशंकर उच्चतम न्यायलय द्वारा इस विवाद के मैत्रीपूर्ण हल के लिए पहले नियुक्त की गई मध्यस्थता समिति का हिस्सा थे.

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