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This Article is From Dec 01, 2019

सियाचिन ग्लेशियर में हिमस्खलन की चपेट में आने से दो सैनिकों की मौत

घटना तब हुई जब सेना का गश्ती दल दक्षिणी सियाचिन ग्लेशियर में लगभग 18 हजार फुट की ऊंचाई पर गश्त कर रहा था

सियाचिन ग्लेशियर में हिमस्खलन की चपेट में आने से दो सैनिकों की मौत
प्रतीकात्मक फोटो.
श्रीनगर:

केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में दक्षिणी सियाचिन ग्लेशियर में लगभग 18 हजार फुट की ऊंचाई पर गश्त कर रहा सेना का एक दल शनिवार को हिमस्खलन (Avalanche) की चपेट में आ गया, जिससे दो जवानों की मौत हो गई. यहां रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने एक बयान में बताया कि सेना का गश्ती दल दक्षिणी सियाचिन ग्लेशियर में लगभग 18 हजार फुट की ऊंचाई पर गश्त कर रहा था. शनिवार तड़के यह हिमस्खलन की चपेट में आ गया.

उन्होंने बताया कि हिमस्खलन बचाव दल (एआरटी) तुरंत वहां पहुंचा और टीम के सभी सदस्यों का पता लगाने और उन्हें बाहर निकालने में कामयाब रहा. इसके साथ ही जवानों को बचाने के लिए सेना के हेलीकॉप्टरों की भी सेवा ली गई. रक्षा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हालांकि, चिकित्सा टीमों के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद, सेना के दो कर्मियों की जान चली गई.''

पिछले दो सप्ताह में सियाचिन में हिमस्खलन की यह दूसरी घटना है. इससे पहले 18 नवंबर को सियाचिन ग्लेशियर के उत्तरी हिस्से में हुए हिमस्खलन में भारतीय सेना के चार जवान और दो कुलियों की जान चली गई थी.

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कारकोरम रेंज में लगभग 20 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर को दुनिया में सर्वाधिक ऊंचाई वाला सैन्यीकृत क्षेत्र माना जाता है, जहां सैनिकों को शीतदंश और बेहद तेज हवाओं से जूझना पड़ता है. यहां प्राय: हिमस्खलन की घटनाएं होती रहती हैं. सर्दियों के दौरान ग्लेशियर का तापमान प्राय: शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस नीचे तक गिर जाता है.

VIDEO : सियाचिन में हिमस्खलन से छह की मौत

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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