भारत-अमेरिका रिश्ते दोनों देशों के लिए ही नहीं, सारी दुनिया के लिए अहम : जॉन केरी

भारत-अमेरिका रिश्ते दोनों देशों के लिए ही नहीं, सारी दुनिया के लिए अहम : जॉन केरी

छात्रों को संबोधित करते हुए जॉन केरी...

नई दिल्ली:

अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने आईआईटी दिल्ली के छात्रों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि भारत अब स्थापित ताकत है. भारत की कहानी असाधारण है. उन्होंने कहा, भारत-अमेरिका के बीच के संबंध सिर्फ इन दोनों देशों के लिए नहीं, सारी दुनिया के लिए अहम हैं.

दिल्ली की बारिश को लेकर चुटकी
केरी ने आईआईटी दिल्ली के छात्रों को संबोधित करते हुए दिल्ली में भारी बारिश के कारण सड़कों हुए जलभराव पर चुटकी ली. छात्रों से कहा कि आप लोगों के यहां पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ा होगा.

दोनों देशों के बीच गहरे संबंध
उन्होंने कहा-भारत के कंप्यूटर साइंस के छात्र इतने मेधावी हैं कि यहां के कॉलेजों द्वारा नहीं लिए जाने के बाद उन्हें एमआईटी सहर्ष स्वीकार करता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच संबंध साझा जरूरतों को समझते हुए बने हैं. अमेरिका और भारत के बीच के संबंध केवल दोनों देशों के लिए ही नहीं हैं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए हैं.

भारत और अमेरिका दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र
पूरी दुनिया में भारत काफी अहम भूमिका निभा रहा है. अमेरिका ने भारत के उत्थान का स्वागत किया है. भारत और अमेरिका पूरी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं. मैं जहां भी जाता हूं, मुझे अच्छी चर्चाएं सुनने को मिलती हैं और भविष्य को लेकर तमाम अपेक्षाएं दिखती हैं. यह भारतीयों के डीएनए में है.

दोनों देशों ने व्यापार को किया दोगुना
केरी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में दोनों देशों ने अपने व्यापार को दोगुना कर दिया है. आज भारत से सबसे ज्यादा निर्यात अमेरिका में होता है. हम दोनों ने नेपाल में भूकंप पीड़ितों की मदद की, यमन में हिंसा में फंसे लोगों को निकाला और अफ्रीका में शांति मिशन में लगे लोगों को ट्रेनिंग दी है. हमारे लोग अब ज्यादा करीब आए हैं, हमारी यूनिवर्सिटीज और सरकारें पहले से ज्यादा करीब आकर काम कर रही हैं.

दोनों ही आतंकवाद का दर्द जानते हैं
केरी ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों ही आतंकवाद की दर्द जानते हैं. हमारे सामने सुरक्षा को मुद्दा सबसे बड़ी चुनौती है. हमें हिंसा करने वाले के केंद्र पर हमला करना होगा. केरी ने कहा, जब दुनिया में कुछ देश विवादों को सुलझाने के लिए ताकत का इस्तेमाल कर रहे हैं, ऐसे में भारत और अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन किया है. अमेरिका और भारत को लोकतंत्र के सिद्धांतों पर यकीन कायम रखाना होगा और हमें शांतिप्रिय विरोध प्रकट करने की इजाजत देनी होगी. अमेरिकी विदेशमंत्री ने कहा कि आतंकवादियों और चरमपंथियों के खिलाफ एक देश नहीं जीत सकता है.

बांग्लादेश पर अंतरराष्ट्रीय पंचाट के आदेश पर केरी
भारत ने बांग्लादेश के साथ अपनी समुद्री सीमा पर अंतरराष्ट्रीय पंचाट के फैसले को जिस प्रकार से स्वीकार किया वह अपने आप में अनूठा है. इस प्रकार की नीति कानून के राज का समर्थन करती है और हमें एक-दूसरे के करीब लाती है और मेरी राय में इससे एक-दूसरे पर विश्वास पैदा होता है और एक जिम्मेदारी की भावना झलकती है.

उन्होंने कहा कि यह एक रास्ता दिखाता है कि किस प्रकार विवादित मुद्दों को निपटाया जा सकता है. इसमें दक्षिण चीन सागर का मुद्दा भी शामिल है. इस मामले में अमेरिका चीन और फिलीपीन्स से अपील करता है कि वह दोनों अंतरराष्ट्रीय पंचाट के आदेश का सम्मान करें. यह निर्णय अंतिम हैं और दोनों देशों पर कानूनन बाध्यकारी है.

जीएसटी पर केरी
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने जीएसटी बिल पास किया है और नया बैंकरप्टसी कानून और विदेशी निवेश को लेकर नियमों में बदलाव किए हैं. अगले साल भारत ग्लोबल आंट्रेप्रेन्यूरशिप समिट की साझी मेजबानी करेगा. इससे भारतीय उद्यमियों को अपना कौशल दिखाने का मौका मिलेगा. भारत और अमेरिका के संबंधों की खूबसूरती दोनों का साझा इतिहास, जो असंभव को संभव करता है.

 


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