
नई दिल्ली:
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से अब से थोड़ी देर पहले एस्ट्रोसैट सैटेलाइट को लॉन्च कर दिया गया। पोलर सैटेलाइट लॉन्च वीकल सी-30 (पीएसएलवी सी-30) के ज़रिए एस्ट्रोसैट को लॉन्च किया गया। 1513 किलोग्राम वजन का एस्ट्रोसैट खगोल विज्ञान के अध्ययन के लिए पूरी तरह से समर्पित भारत का पहला सैटेलाइट है। अमेरिका, यूरोपियन यूनियन और जापान के बाद ऐसा करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया।
50 घंटे पहले शुरू की गई थी उलटी गिनती...
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारत के एस्ट्रोसैट सहित सात उपग्रहों को ले जाने वाले रॉकेट के प्रक्षेपण की 50 घंटे पहले उल्टी गिनती शुरू कर दी थी। एस्ट्रोसैट की मदद से यूनिवर्स को समझने में मदद मिलेगी। इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने श्रीहरिकोटा से कल कहा था कि बिना किसी बाधा के उल्टी गिनती जारी है।
अमेरिका के चार और इंडोनेशिया और कनाडा के उपग्रह भी साथ...
सोमवार सुबह प्रक्षेपित होने वाला यह रॉकेट अपने साथ 1,513 किलोग्राम वजनी 180 करोड़ रुपये की लागत वाले भारतीय एस्ट्रोसैट उपग्रह के अलावा अमेरिका के चार और इंडोनेशिया और कनाडा के एक-एक उपग्रहों को ले गया है।
यह देगा महत्वपूर्ण जानकारियां...
देश का पहला बहु-तरंगदैर्ध्य वाला अंतरिक्ष निगरानी उपग्रह एस्ट्रोसैट ब्रह्मांड के बारे में अहम जानकारियां प्रदान करेगा। सोमवार को छह विदेशी उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण के साथ ही भारत अंतरिक्ष अनुसंधान की दिशा में 50 वर्ष पूरा कर लेगा।
इसरो ने 2010 में एक साथ 10 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया था, जिसमें भारत के दो काटरेसैट-2ए उपग्रह भी शामिल थे। आज यानी सोमवार को भारत ने तीसरी बार एक साथ सात उपग्रहों का प्रक्षेपण किया है। उड़ान भरने के 22 मिनट बाद रॉकेट धरती की सतह से 650 किलोमीटर की ऊंचाई पर एस्ट्रोसैट को उसकी कक्षा में स्थापित किया जाना तय था। इसके कुछ ही मिनट के अंतराल पर शेष छह उपग्रह भी अपनी-अपनी कक्षा में स्थापित करना शेड्यूल है।
(आईएएनएस से भी इनपुट)
50 घंटे पहले शुरू की गई थी उलटी गिनती...
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारत के एस्ट्रोसैट सहित सात उपग्रहों को ले जाने वाले रॉकेट के प्रक्षेपण की 50 घंटे पहले उल्टी गिनती शुरू कर दी थी। एस्ट्रोसैट की मदद से यूनिवर्स को समझने में मदद मिलेगी। इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने श्रीहरिकोटा से कल कहा था कि बिना किसी बाधा के उल्टी गिनती जारी है।
अमेरिका के चार और इंडोनेशिया और कनाडा के उपग्रह भी साथ...
सोमवार सुबह प्रक्षेपित होने वाला यह रॉकेट अपने साथ 1,513 किलोग्राम वजनी 180 करोड़ रुपये की लागत वाले भारतीय एस्ट्रोसैट उपग्रह के अलावा अमेरिका के चार और इंडोनेशिया और कनाडा के एक-एक उपग्रहों को ले गया है।
यह देगा महत्वपूर्ण जानकारियां...
देश का पहला बहु-तरंगदैर्ध्य वाला अंतरिक्ष निगरानी उपग्रह एस्ट्रोसैट ब्रह्मांड के बारे में अहम जानकारियां प्रदान करेगा। सोमवार को छह विदेशी उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण के साथ ही भारत अंतरिक्ष अनुसंधान की दिशा में 50 वर्ष पूरा कर लेगा।
इसरो ने 2010 में एक साथ 10 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया था, जिसमें भारत के दो काटरेसैट-2ए उपग्रह भी शामिल थे। आज यानी सोमवार को भारत ने तीसरी बार एक साथ सात उपग्रहों का प्रक्षेपण किया है। उड़ान भरने के 22 मिनट बाद रॉकेट धरती की सतह से 650 किलोमीटर की ऊंचाई पर एस्ट्रोसैट को उसकी कक्षा में स्थापित किया जाना तय था। इसके कुछ ही मिनट के अंतराल पर शेष छह उपग्रह भी अपनी-अपनी कक्षा में स्थापित करना शेड्यूल है।
(आईएएनएस से भी इनपुट)
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श्रीहरिकोटा, एस्ट्रोसेट, सैटेलाइट