असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि यदि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी के अपडेट का काम राज्य सरकार को सौंपा गया होता तो वह 'सही एनआरसी' होती. सोनोवाल ने सोमवार को विधानसभा के एक दिन के विशेष सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि लोगों को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) से भयभीत होने की जरूरत नहीं है क्योंकि सरकार उनके हितों के विपरीत कुछ भी नहीं करेगी. उन्होंने सदन में कहा, 'बीजेपी सही एनआरसी चाहती है. मैं यह पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अगर असम सरकार को एनआरसी के अपडेट की पूरी जिम्मेदारी सौंपी जाती तो यह पूरी तरह से सही एनआरसी होती.' सोनोवाल ने अपने संबोधन में कहा कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एनआरसी की पूरी कवायद हुई इसलिए राज्य की अपडेट प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं है.
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उन्होंने कहा, 'असम सरकार ने अपने 55 हजार कर्मचारी और सुरक्षा से लिए अपना पुलिस बल उपलब्ध कराया था.' सीएए पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग इस लिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि उन्हें इस कानून के बारे में गलत सूचनाएं दी जा रहीं हैं. उन्होंने कहा, 'कितने लोग नागरिकता के लिए आवेदन करेंगे इस बारे में चर्चाएं अभी काल्पनिक हैं. सीएए राष्ट्रीय कानून है और पूरा भारत इसे लागू करेगा. कृपया करके इस बारे में कयास नहीं लगाएं. अभी नियम नहीं बनें हैं और हमने अपने सुझाव दिए हैं.'
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मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार लोग नागरिकता के लिए आवेदन दे दें, इसके बाद सभी आवेदनों की जांच होगी और हो सकता है कि सभी आवेदकों को नागरिकता नहीं मिले. इससे पहले राज्य के वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने विधानसभा में अपने भाषण में कहा था कि सीएए से राज्य में अधिकतम पांच लाख बांग्लादेशी हिंदुओं को फायदा होगा.
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