असम में बीजेपी विधायक शिलादित्य देव ने विधानसभा चुनावों के लिए टिकट न मिलने पर इसी हफ्ते अपना इस्तीफा दिया था, लेकिन कुछ ही दिनों बाद वापस भी लौट आए हैं. बीजेपी ने कहा है कि वो पार्टी में एक 'अहम सदस्य' के तौर पर बने रहेंगे. असम के मंत्री और नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (NEDA) के संयोजक हेमंत बिस्वा शर्मा और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव दिलीप सैकिया शिलादित्य देव से शुक्रवार को उनके घर पर मिले थे.
अब पार्टी में वापस लौटने के बाद देव ने इन चुनावों में बैठने का फैसला किया है. उन्होंने पार्टी छोड़ने के बाद स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर लड़ने का फैसला किया था. असम में 126 विधानसभा सीटों के लिए 27 मार्च से तीन चरणों में चुनाव होने हैं.
उन्होंने कहा कि 'मैं कांग्रेस को जीतने नहीं दे सकता है क्योंकि उनके साथ ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट का गठबंधन है और जीतने के बाद पार्टी के चीफ बदरुद्दीन अजमल का वर्चस्व हो जाएगा. ऐसे में इसलिए मैंने पार्टी के साथ रहने का फैसला किया है.'
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आरएसएस में देव काफी पुराना नाम रहे हैं और बीजेपी में भी उनकी पकड़ रही है. लेकिन हिंदू बंगाली वर्चस्व वाली सीट होजई में उनकी जगह पर रामकृष्ण घोष को जगह दी गई है. नागरिकता संशोधन कानून आने के बाद यह सीट बीजेपी का गढ़ बन चुकी है.
वो बीजेपी के उन 12 विधायकों में से हैं, जिनको इन चुनावों में टिकट नहीं मिला है. बीजेपी ने इनकी जगह पर 12 नए चेहरों को जगह दी है. पार्टी के एक अन्य पुराने नेता दिलीप पॉल ने भी सिलचर से टिकट नहीं दिए जाने पर विरोध जताया था. बीजेपी अब नाराज विधायकों को मना रही है. हेमंत बिस्व शर्मा ने कहा है कि शिलादित्य देव होदई लुमडिंग में पार्टी के लिए कैंपेन करेंगे. उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार बनने पर उन्हें उचित जगह दी जाएगी.
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