एएसआई का प्रस्ताव, ताजमहल के भीतर तीन-चार घंटे से ज़्यादा किसी को न रुकने दें

एएसआई का प्रस्ताव, ताजमहल के भीतर तीन-चार घंटे से ज़्यादा किसी को न रुकने दें

नई दिल्ली:

भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) चाहता है कि दुनियाभर में मशहूर ऐतिहासिक पर्यटन स्थल ताजमहल पर पहुंचने वाले लोगों में से किसी को भी तीन-चार घंटे से ज़्यादा वहां नहीं रुकने दिया जाए.

दरअसल, देश के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने स्मारक के भीतर पर्यटकों की संख्या को काबू में रखने के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी थी, सो, सोमवार को एएसआई के अधिवक्ता एडीएन राव ने इन प्रस्तावों की जानकारी कोर्ट को दी.

कोर्ट द्वारा यह पूछे जाने पर कि ताज के भीतर पर्यटकों की संख्या को कैसे काबू में रखा जा सकेगा, तो अधिवक्ता ने कहा कि चूंकि ताजमहल के भीतर एक ही वक्त पर बहुत ज़्यादा लोग मौजूद रहते हैं, सो, उसके इलाज के रूप में हर पर्यटक के रुकने की अवधि को सीमित किए जाने पर विचार किया जा रहा है.

कोर्ट को बताया गया कि एएसआई का इरादा है कि अलग-अलग रंग के टिकट बेचे जाएंगे, ताकि पता चलता रहे कि कौन-सा पर्यटक किस वक्त से भीतर आया हुआ है, और किस वक्त तक उसे भीतर रहने दिया जा सकता है. एएसआई के मुताबिक, इस तरह उन पर्यटकों को रोका जा सकेगा, जो सुबह ताजमहल खुलते ही भीतर पहुंच जाते हैं, और उसके बंद होने तक वहीं रहते हैं. अधिवक्ता के अनुसार, इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार जारी है, और जल्द ही इसे अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है.

इसके अतिरिक्त एएसआई ने कोर्ट ने इस बात का अनुरोध किया है कि ताजमहल के भीतरी हिस्सों को दिखाने के लिए चलाए जाने वाले 30-30 मिनट के आठ सत्रों के स्थान पर 45-45 मिनट के पांच सत्र चलाने की इजाज़त दी जाए, ताकि पर्यटकों की पर्याप्त वक्त नहीं दिए जाने की शिकायत दूर की जा सके.


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