राजस्थान (Rajasthan) में तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) द्वारा भेजे गए एक नोटिस के बाद इस सियासी जंग में शह और मात का खेल शुरू हो गया. सत्ता की बाजी को जीतने के लिए हर हथकंडा अपनाया जाने लगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने सरकार के पास बहुमत होने का दावा किया व अपने सभी समर्थक विधायकों को एकजुट कर लिया. अब मिल रही जानकारी के अनुसार, गहलोत कैंप के विधायकों को आज (शुक्रवार) स्पेशल फ्लाइट के जरिए किसी अन्य शहर में शिफ्ट किया जा सकता है. अभी तक सभी विधायक जयपुर स्थित फेयरमाउंट होटल में ठहरे हुए हैं.
बताया जा रहा है कि CLP मीटिंग के बाद विधायकों को एयरपोर्ट ले जाया जाएगा. चार्टर्ड फ्लाइट से उन्हें जैसलमेर ले जाया जाएगा. संभावित रूप से विधायक जैसलमेर के सूर्यागढ़ और मैरिएट रिसोर्ट में रहेंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दावा है कि उन्हें 102 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. सभी विधायकों को 14 अगस्त तक के लिए किसी दूसरे शहर में शिफ्ट किया जा सकता है. दरअसल राज्यपाल कलराज मिश्र ने गहलोत सरकार को 14 अगस्त से विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति दे दी है.
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मुख्यमंत्री गहलोत ने गुरुवार को विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर कहा, 'कल रात से जब से विधानसभा सत्र बुलाने की घोषणा हुई है, राजस्थान में खरीद-फरोख्त (विधायकों की) का रेट बढ़ गया है. इससे पहले पहली किश्त 10 करोड़ और दूसरी किश्त 15 करोड़ रुपये थी. अब यह असीमित हो गई है. सब लोग जानते हैं कौन लोग खरीद-फरोख्त कर रहे हैं.'
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बता दें कि CM गहलोत 31 जुलाई से विधानसभा का सत्र बुलाना चाहते थे लेकिन राज्यपाल ने उनके तीन प्रस्तावों को खारिज कर दिया था. चौथे प्रस्ताव के बाद गहलोत राज्यपाल द्वारा सत्र बुलाने के लिए बताए गए 21 दिन के पूर्व नोटिस पर मान गए. गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार के पास बहुमत है और वह इसे किसी भी समय साबित कर सकते हैं. 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में बहुमत के लिए 101 विधायकों का समर्थन जरूरी है.
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