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This Article is From Jan 05, 2011

समझौता धमाके में असीमानंद के हाथ होने के सबूत

New Delhi: समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले के जांचकर्ताओं ने दावा किया है कि उन्हें 2007 की इस आतंकी घटना में दक्षिणपंथी कार्यकर्ता स्वामी असीमानंद के कथित तौर पर शामिल होने के सबूत मिले हैं। जांच प्रक्रिया से जुडे सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच के बाद अब यह स्पष्ट होता जा रहा है कि असीमानंद और उसके साथी समझौता विस्फोट में शामिल थे। गृहमंत्री पी चिदंबरम ने मंगलवार को ही कहा था, समझौता विस्फोट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कुछ प्रगति की है। उसे कुछ सुराग हासिल हुआ है। उन्होंने इस बारे में यह कहते हुए और कोई ब्यौरा देने से इनकार कर दिया कि इस मामले से जुडी कोई अन्य जानकारी वह सार्वजनिक नहीं कर सकते। समझौता एक्सप्रेस में हुए विस्फोट में 68 लोग मारे गए थे। एनआईए ने अभिनव भारत के सदस्य स्वामी असीमानंद को पंचकुला से हिरासत में लिया था। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि एनआईए की जांच का एक बिन्दु इस ओर भी है कि विस्फोट में इस्तेमाल आरडीएक्स की आपूर्ति किसने की थी। असीमानंद का असल नाम जतिन चटर्जी है और वह हरिद्वार में फर्जी नाम से रह रहा था। उसने फर्जी पहचान पत्र भी हासिल कर लिया था। जांचकर्ताओं ने कोलकाता के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी की ओर से जारी एक पासपोर्ट, हरिद्वार के अधिकारियों की ओर से जारी राशन कार्ड और चुनाव कार्ड असीमानंद के पास से बरामद किया है। असीमानंद का नाम मक्का और अजमेर विस्फोटों की जांच के दौरान सामने आया था, लेकिन जांच एजेंसियों को उसकी पहचान के बारे में तब अधिक जानकारी नहीं थी। केंद्रीय एजेंसियों और महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी स्क्वायड ने 2009-10 में असीमानंद की तलाश में मध्य प्रदेश और गुजरात के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की, लेकिन वह पकड़ा नहीं गया।

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समझौता विस्फोट, असीमानंद