फाइल फोटो
हैदराबाद/नई दिल्ली:
एआईएमआईएम अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न सम्मान दिए जाने पर सवाल खड़ा करके विवाद पैदा कर दिया।
ओवैसी ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को पद्म विभूषण दिए जाने पर भी विरोध जताया। ओवैसी ने एक पुस्तक विमोचन समारोह में कहा कि आडवाणी को देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण कैसे दिया जा सकता है, जो आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। एमआईएम सांसद का इशारा आडवाणी के खिलाफ बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े मामले से था।
ओवैसी ने कहा, 'वही आडवाणी जिन्होंने अपनी रथयात्रा से देश में विनाश फैलाया। यह संभवत: ऐसे किसी व्यक्ति को पद्म विभूषण दिये जाने का पहला मामला होगा, जो आपराधिक मामलों का सामना कर रहा हो।'
एमआईएम सांसद ने आरोप लगाया कि वाजपेयी ने अयोध्या मुद्दे पर पांच दिसंबर, 1992 को एक भाषण में कुछ विवादास्पद टिप्पणियां की थीं जिसके वीडियो यूट्यूब पर उपलब्ध हैं।
वाजपेयी और आडवाणी को ये शीर्ष नागरिक सम्मान दिए जाने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसलों पर ओवैसी के बयान की निंदा करते हुए बीजेपी ने कहा कि एमआईएम सांसद मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने चुटीले लहजे में कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ लोग चाहते हैं कि ओसामा बिन लादेन को कोई बड़ा पुरस्कार दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, 'इसलिए ये लोग देश के लिए योगदान देने वाले और बलिदान देने वालों को सम्मानित करने पर सवाल उठाएंगे, क्योंकि इस तरह का सम्मान दिया जाना उन्हें पसंद नहीं आता। उन्हें देश के खिलाफ रहने वाले लोग पसंद आते हैं।'
वहीं बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ओवैसी जैसे लोगों द्वारा बेबुनियाद आधार पर सांप्रदायिक दिशा अपनाने के प्रयास और मुद्दों को गुमराह करने पर पार्टी को कोई हैरानी नहीं है। उन्होंने कहा, 'मैं केवल यही कहूंगा कि जो लोग सांप्रदायिक नफरत के आधार पर भारत में अपना राजनीतिक करियर बढ़ाने का सपना देख रहे हैं, उनसे केवल इसी तरह की उम्मीद की जा सकती है।'
महाराष्ट्र में मताधार बढ़ने के बाद एआईएमआईएम अब उत्तर प्रदेश में नजर गड़ाए है और सपा तथा बसपा के वोट बैंक में सेंध लगाना चाहती है।
ओवैसी ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को पद्म विभूषण दिए जाने पर भी विरोध जताया। ओवैसी ने एक पुस्तक विमोचन समारोह में कहा कि आडवाणी को देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण कैसे दिया जा सकता है, जो आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। एमआईएम सांसद का इशारा आडवाणी के खिलाफ बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े मामले से था।
ओवैसी ने कहा, 'वही आडवाणी जिन्होंने अपनी रथयात्रा से देश में विनाश फैलाया। यह संभवत: ऐसे किसी व्यक्ति को पद्म विभूषण दिये जाने का पहला मामला होगा, जो आपराधिक मामलों का सामना कर रहा हो।'
एमआईएम सांसद ने आरोप लगाया कि वाजपेयी ने अयोध्या मुद्दे पर पांच दिसंबर, 1992 को एक भाषण में कुछ विवादास्पद टिप्पणियां की थीं जिसके वीडियो यूट्यूब पर उपलब्ध हैं।
वाजपेयी और आडवाणी को ये शीर्ष नागरिक सम्मान दिए जाने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसलों पर ओवैसी के बयान की निंदा करते हुए बीजेपी ने कहा कि एमआईएम सांसद मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने चुटीले लहजे में कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ लोग चाहते हैं कि ओसामा बिन लादेन को कोई बड़ा पुरस्कार दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, 'इसलिए ये लोग देश के लिए योगदान देने वाले और बलिदान देने वालों को सम्मानित करने पर सवाल उठाएंगे, क्योंकि इस तरह का सम्मान दिया जाना उन्हें पसंद नहीं आता। उन्हें देश के खिलाफ रहने वाले लोग पसंद आते हैं।'
वहीं बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ओवैसी जैसे लोगों द्वारा बेबुनियाद आधार पर सांप्रदायिक दिशा अपनाने के प्रयास और मुद्दों को गुमराह करने पर पार्टी को कोई हैरानी नहीं है। उन्होंने कहा, 'मैं केवल यही कहूंगा कि जो लोग सांप्रदायिक नफरत के आधार पर भारत में अपना राजनीतिक करियर बढ़ाने का सपना देख रहे हैं, उनसे केवल इसी तरह की उम्मीद की जा सकती है।'
महाराष्ट्र में मताधार बढ़ने के बाद एआईएमआईएम अब उत्तर प्रदेश में नजर गड़ाए है और सपा तथा बसपा के वोट बैंक में सेंध लगाना चाहती है।
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