नागपुर नें भी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया...
मुंबई:
पुणे में फिल्म इंदु सरकार के प्रमोशन कार्यक्रम को कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के चलते रद्द किए जाने के एक दिन बाद इसी तरह का विरोध एक और शहर नागपुर में भी देखने को मिला. फिल्म के निर्देशक मधुर भंडारकर इस घटना से काफी आहत हुए. उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि क्या कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इन कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी का समर्थन करते हैं या नहीं?
इस ट्वीट में निर्देशक ने कहा, "प्रिय @OfficeOfRG पुणे के बाद मुझे नागपुर में भी प्रेस कांफ्रेंस रद्द करनी पड़ी. क्या आप इस गुंडागर्दी का समर्थन करते हैं? क्या मैं अपनी अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल कर सकता हूं?
नागपुर नें विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व स्थानीय कांग्रेसी नेता उमाकांत अग्निहोत्री ने किया. विरोध के बाद, अग्निहोत्री ने NDTV को बताया, "कांग्रेस कार्यकर्ता भंडारकर को इस फिल्म का देश में कहीं भी प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देंगे क्योंकि पार्टी की आइकन इंदिरा गांधी के चरित्र का हनन हो सकता है."
कल, स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिली धमकी के बाद फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर को अपनी फिल्म 'इंदु सरकार' का यहां होने वाले प्रमोशन कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा. भंडारकर ने कहा, "हम अपने होटल के कमरे में बंधक जैसे बनकर रह गए हैं. हमें कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा है. होटल प्रबंधन ने हमसे कमरे से कदम बाहर नहीं निकालने को कहा है क्योंकि कार्यकर्ता यहां दोपहर एक बजे से ही जमा हैं. हमारी पूरी टीम एक कमरे में बंद है."
गौरतलब है कि इंदु सरकार को आपातकाल पर आधारित फिल्म बताया जा रहा है और उसके किरदारों की भूमिका बहुत हद तक पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी से प्रेरित हैं. फिल्मकार भंडारकर फिल्म के बारे में कुछ बात करने वाले थे लेकिन भारी विरोध को देखते हुए उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया था.
NDTV से उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से यह हैरान करने वाला है.....अगर मैं इमरजेंसी पर कोई फिल्म बना रहा हूं तो क्या परेशानी है?
उधर, कांग्रेस के पवन खेड़ा का कहना है कि 'विरोध प्रदर्शन' से पार्टी का कोई लेनादेना नहीं है. यह बताए जाने पर कि प्रदर्शन करने वाले लोग कांग्रेसी कार्यकर्ता थे, उनका कहना था, "पार्टी इस तरह के प्रदर्शन से इत्तफाक नहीं रखती. हम इसकी निंदा करते हैं."
इस ट्वीट में निर्देशक ने कहा, "प्रिय @OfficeOfRG पुणे के बाद मुझे नागपुर में भी प्रेस कांफ्रेंस रद्द करनी पड़ी. क्या आप इस गुंडागर्दी का समर्थन करते हैं? क्या मैं अपनी अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल कर सकता हूं?
Dear @OfficeOfRG after Pune I have 2 cancel today's PressCon at Nagpur.Do you approve this hooliganism? Can I have my Freedom of Expression? pic.twitter.com/y44DXiOOgp
— Madhur Bhandarkar (@imbhandarkar) July 16, 2017
नागपुर नें विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व स्थानीय कांग्रेसी नेता उमाकांत अग्निहोत्री ने किया. विरोध के बाद, अग्निहोत्री ने NDTV को बताया, "कांग्रेस कार्यकर्ता भंडारकर को इस फिल्म का देश में कहीं भी प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देंगे क्योंकि पार्टी की आइकन इंदिरा गांधी के चरित्र का हनन हो सकता है."
कल, स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिली धमकी के बाद फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर को अपनी फिल्म 'इंदु सरकार' का यहां होने वाले प्रमोशन कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा. भंडारकर ने कहा, "हम अपने होटल के कमरे में बंधक जैसे बनकर रह गए हैं. हमें कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा है. होटल प्रबंधन ने हमसे कमरे से कदम बाहर नहीं निकालने को कहा है क्योंकि कार्यकर्ता यहां दोपहर एक बजे से ही जमा हैं. हमारी पूरी टीम एक कमरे में बंद है."
गौरतलब है कि इंदु सरकार को आपातकाल पर आधारित फिल्म बताया जा रहा है और उसके किरदारों की भूमिका बहुत हद तक पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी से प्रेरित हैं. फिल्मकार भंडारकर फिल्म के बारे में कुछ बात करने वाले थे लेकिन भारी विरोध को देखते हुए उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया था.
NDTV से उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से यह हैरान करने वाला है.....अगर मैं इमरजेंसी पर कोई फिल्म बना रहा हूं तो क्या परेशानी है?
उधर, कांग्रेस के पवन खेड़ा का कहना है कि 'विरोध प्रदर्शन' से पार्टी का कोई लेनादेना नहीं है. यह बताए जाने पर कि प्रदर्शन करने वाले लोग कांग्रेसी कार्यकर्ता थे, उनका कहना था, "पार्टी इस तरह के प्रदर्शन से इत्तफाक नहीं रखती. हम इसकी निंदा करते हैं."
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