ममता बनर्जी बनाम सीबीआई मामले (Mamata Banerjee vs CBI) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा सीबीआई (CBI) को कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के खिलाफ बलपूर्रक कोई कार्रवाई नहीं करने के आदेश के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने मंगलवार की देर शाम अपना धरना समाप्त कर दिया, मगर इस दौरान उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करने तक उनकी जंग जारी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले जिसमें कहा गया कि कमिश्नर राजीव कुमार को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता, का दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने स्वागत किया और इसे ममता बनर्जी का सफलता करार दिया.
राजीव कुमार की गिरफ्तारी रोकने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा- 'आपके संघर्ष की सफलता के लिए बधाई दीदी.' बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को खुद को सीबीआई के समक्ष पेश करने और सारदा चिट फंड घोटाले की जांच से सामने आए अन्य मामलों में एजेंसी के साथ 'इमानदारीपूर्वक' सहयोग करने का मंगलवार को निर्देश दिया लेकिन यह भी कहा कि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. इस फैसले के आने के कुछ घंटों बाद ही बनर्जी ने अपना धरना खत्म कर दिया. बनर्जी और केंद्र दोनों ही इस अदालती आदेश को अपनी नैतिक जीत बता रहे हैं.
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दरअसल, सीबीआई द्वारा राजीव कुमार से पूछताछ की कोशिश के बाद रविवार शाम को नाटकीय अंदाज में धरने की शुरुआत करने वाली ममता बनर्जी ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के “अनुकूल” आदेश के बाद समान विचारों वाले राजनीतिक दलों के नेताओं से परामर्श के बाद अपना धरना खत्म कर रही हैं. तेदेपा अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के साथ धरना स्थल पर खड़ी ममता ने अपने समर्थकों की भीड़ के समक्ष कहा, “मैं छोड़ूंगी नहीं...मोदी हटाओ, देश बचाओ. यह धरना लोगों की जीत है, देश की जीत है और लोकतंत्र की जीत है. अब मैं यह लड़ाई दिल्ली लेकर जाउंगी.” ममता ने अपना धरना शुरू करते हुए दावा किया था कि मोदी सरकार द्वारा ‘‘संविधान और संघवाद'' का गला घोंटा जा रहा है.
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रविवार शाम को सीबीआई का एक दल कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से सारदा चिटफंड घोटाले के सिलसिले में पूछताछ के लिए पहुंचा था. इससे केंद्र के साथ ममता के नए मोर्चे के लिये जमीन तैयार हुई. सीबीआई अधिकारियों से कोलकाता पुलिस ने धक्का मुक्की की और उन्हें हिरासत में ले लिया गया. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे “संवैधानिक संकट” करार दिया था. लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा विरोधी मोर्चे को एकजुट करने के लिये मुख्य सूत्रधार की जिम्मेदारी निभाने वालों में से एक ममता को 20 से ज्यादा विपक्षी दलों का समर्थन मिला है.
ममता ने दावा किया कि केंद्र उनकी सरकार का तख्ता पलटने के लिये साजिश कर रहा है. विपक्षी दलों द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ लड़ाई को “तार्किक अंजाम” तक पहुंचाने पर जोर देते हुए नायडू ने कहा कि उनके नेता 13-14 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी में मुलाकात करेंगे जिससे एक प्रदर्शन कार्यक्रम तैयार किया जा सके. उन्होंने कहा, “लोकतंत्र खतरे में है. हर कोई खतरे में है. अगर कोई अपनी आवाज उठाता है तो आप उन्हें जेल में डाल देते हैं. क्या यह आपातकाल है? यह आपातकाल से भी बुरा है.”
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