भुवेश्वर:
ओडिशा में पॉस्को की स्टील परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ गोविंदपुर और ढिनकिया की कुछ प्रदर्शनकारी महिलाएं विरोधस्वरूप अर्द्धनग्न हो गईं, जब पुलिस स्थिति को काबू करने के लिए पानी की बौछारें कर रही थी।
प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि अधिग्रहण का काम न रोका गया और पुलिसबल को नहीं हटाया गया तो वे सामूहिक रूप से नग्न होकर प्रदर्शन करेंगी।
इससे पूर्व गुरुवार को पॉस्को विरोधी कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प में 12 लोग घायल हो गए । भूमि अधिग्रहण का काम नहीं हो पाया।
गोविंदपुर गांव में मंगला चक से पुलिस बल को हटाने की मांग कर रहे पोस्को विरोधी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के दौरान झड़प हुई । शनिवार को कथित तौर पर बम बनाते तीन व्यक्तियों के मारे जाने के बाद यहां निषेधाज्ञा लागू की गई थी ।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि घायलों में मुख्यत: महिलाएं हैं।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने आंसूगैस छोड़े और लाठी चार्ज किया, जिससे पुलिस ने इनकार किया।
जगतसिंहपुर के पुलिस अधीक्षक सत्यव्रत भोई ने संवाददाताओं से कहा, कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ। हमने लोगों को निषेधाज्ञा तोड़ने से रोकने के लिए उनका पीछा किया। पॉस्को प्रतिरोध संग्राम समिति अध्यक्ष अभय साहू ने दावा किया कि पुलिस की लाठीचार्ज में करीब 20 लोग घायल हुए।
महिलाओं ने दावा किया कि पुलिस ने आंसूगैस के गोले दागे, जिनसे उनकी आंखों में जलन हुई।
इस बीच, रविवार को भूमि अधिग्रहण का काम दोबारा शुरू करने वाले और चार दिनों में 200 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने वाले प्रशासन ने आज इसे अस्थाई तौर पर रोक दिया। जिलाधिकारी एस के मलिक ने कहा, भूमि अधिग्रहण का काम आज नहीं किया गया और इसे अस्थाई तौर पर रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि परियोजना स्थल पर स्थित गांवों को जोड़ने के लिए जल्द ही कुछ सड़कों और पुलों का निर्माण किया जाएगा।
पॉस्को विरोधी बैठक में कल शामिल होने वाले भाकपा नेता के एन रामचंद्रन और शर्मिष्ठा चौधरी ने भारत की सबसे बड़ी एफडीआई परियोजना के लिए ‘जबरन’ भूमि अधिग्रहण के विरोध में 15 मार्च को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर ‘जन संसद’ की घोषणा की है।
प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि अधिग्रहण का काम न रोका गया और पुलिसबल को नहीं हटाया गया तो वे सामूहिक रूप से नग्न होकर प्रदर्शन करेंगी।
इससे पूर्व गुरुवार को पॉस्को विरोधी कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प में 12 लोग घायल हो गए । भूमि अधिग्रहण का काम नहीं हो पाया।
गोविंदपुर गांव में मंगला चक से पुलिस बल को हटाने की मांग कर रहे पोस्को विरोधी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के दौरान झड़प हुई । शनिवार को कथित तौर पर बम बनाते तीन व्यक्तियों के मारे जाने के बाद यहां निषेधाज्ञा लागू की गई थी ।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि घायलों में मुख्यत: महिलाएं हैं।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने आंसूगैस छोड़े और लाठी चार्ज किया, जिससे पुलिस ने इनकार किया।
जगतसिंहपुर के पुलिस अधीक्षक सत्यव्रत भोई ने संवाददाताओं से कहा, कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ। हमने लोगों को निषेधाज्ञा तोड़ने से रोकने के लिए उनका पीछा किया। पॉस्को प्रतिरोध संग्राम समिति अध्यक्ष अभय साहू ने दावा किया कि पुलिस की लाठीचार्ज में करीब 20 लोग घायल हुए।
महिलाओं ने दावा किया कि पुलिस ने आंसूगैस के गोले दागे, जिनसे उनकी आंखों में जलन हुई।
इस बीच, रविवार को भूमि अधिग्रहण का काम दोबारा शुरू करने वाले और चार दिनों में 200 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने वाले प्रशासन ने आज इसे अस्थाई तौर पर रोक दिया। जिलाधिकारी एस के मलिक ने कहा, भूमि अधिग्रहण का काम आज नहीं किया गया और इसे अस्थाई तौर पर रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि परियोजना स्थल पर स्थित गांवों को जोड़ने के लिए जल्द ही कुछ सड़कों और पुलों का निर्माण किया जाएगा।
पॉस्को विरोधी बैठक में कल शामिल होने वाले भाकपा नेता के एन रामचंद्रन और शर्मिष्ठा चौधरी ने भारत की सबसे बड़ी एफडीआई परियोजना के लिए ‘जबरन’ भूमि अधिग्रहण के विरोध में 15 मार्च को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर ‘जन संसद’ की घोषणा की है।
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