टीआरपी घोटाले में एक और गिरफ्तारी, मुंबई पुलिस ने BARC के पूर्व COO को भी अरेस्ट किया

अदालत ने आरोपी को 19 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. पुलिस ने अदालत में कहा कि उन्हें मामले के संबंध में आरोपी से पूछताछ करनी है इसलिए आरोपी को पुलिस हिरासत में सौंप दिया जाए.

टीआरपी घोटाले में एक और गिरफ्तारी, मुंबई पुलिस ने BARC के पूर्व COO को भी अरेस्ट किया

BARC के पूर्व सीओओ रोमिल रामगढ़िया गिरफ्तार

मुंबई:

मुंबई पुलिस ने टीआरपी (TRP) स्कैम केस में एक और गिरफ्तारी की है. पुलिस ने रोमिल विनोद कुमार रामगढ़िया को वडाला के घर से हिरासत में लिया था. पूछताछ के बाद रोमिल को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे 19 दिसम्बर तक रिमांड पर भेज दिया गया. रोमिल बार्क यानि  ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) का पूर्व कर्मचारी है.

रोमिल बार्क की एनैलिसिस टीम में था. वहां रहते हुए टीआरपी मैनुपुलेशन का आरोप है.सभी बैरामीटर की जानकारी इसके पास थी. पुलिस को शक है कि इसने बैरामीटर की जानकारी दूसरो को दी.

एक अधिकारी ने बताया कि टीआरपी मामले की जांच कर रही मुंबई अपराध शाखा के दल ने बार्क के पूर्व सीओओ रोमिल रामगढ़िया को दोपहर को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में यह 14वीं गिरफ्तारी है. रामगढ़िया 2014 से 2020 के दौरान बार्क के सीओओ थे. पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘जांच के दौरान, मामले में रामगढ़िया की कथित संलिप्तता का पता चला, जिसके बाद उन्हें आज गिरफ्तार कर लिया गया.'' गिरफ्तारी के बाद रामगढ़िया को यहां एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया.

अदालत ने आरोपी को 19 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. पुलिस ने अदालत में कहा कि उन्हें मामले के संबंध में आरोपी से पूछताछ करनी है इसलिए आरोपी को पुलिस हिरासत में सौंप दिया जाए. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पुलिस को आरोपी से इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी लेने हैं. पुलिस अधिकारी ने कहा, “जांच के दौरान यह सामने आया कि रामगढ़िया ने कथित तौर पर कुछ टीवी चैनलों को उनकी टीआरपी बढ़ाने के लिए गोपनीय जानकारी उपलब्ध कराई.”

उन्होंने कहा, “अपराध शाखा के अधिकारियों को रामगढ़िया का कथित व्हाट्सएप्प संवाद भी मिला जो एआरजी आउटलायर कंपनी के निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के साथ किया गया था. रिपब्लिक टीवी चैनल इस कंपनी का है.”

अधिकारी ने कहा, “रामगढ़िया, 2014 से 2020 तक बार्क का सीओओ थे और उन्हें चैनलों के संबंध में महत्वपूर्ण और गोपनीय जानकारी प्राप्त थी. चैनलों के दर्शकों की संख्या और रेटिंग द्वारा जुटाई गई जानकारी तक उनकी पहुंच थी.” उन्होंने कहा कि आरोपी के पास उन घरों की भी जानकारी थी जहां बैरोमीटर लगाए गए थे.

अधिकारी ने कहा, “अपराध शाखा इसकी जांच कर रही है कि यह जानकारी कुछ चैनलों से साझा करने के बदले में क्या रामगढ़िया को कुछ आर्थिक लाभ हुआ था.” रविवार को पुलिस ने इस मामले के संबंध में रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विकास खानचंदानी को गिरफ्तार किया था. हालांकि खानचंदानी को बुधवार को अदालत ने जमानत दे दी थी.

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(इनपुट भाषा से भी)