नई दिल्ली:
अन्ना हजारे के अभियान को ब्राह्मणवाद की संज्ञा देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने कहा कि अन्ना के आंदोलन में लोकतंत्र नहीं है और असंतोष के स्वरों को मंजूर नहीं किया जा रहा। टीम अन्ना से मतभेदों के चलते भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बीच में ही उनसे अलग होने वाले अग्निवेश ने यह दावा भी किया कि अभियान में आरएसएस का असर दिखाई दिया और उन्होंने इसका मुकाबला करने के लिए मुस्लिमों तथा दलितों के अधिक प्रतिनिधित्व की वकालत की थी। अग्निवेश ने कहा कि हिसार उपचुनाव में कांग्रेस का विरोध करने और केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के संसदीय क्षेत्र में जनमत संग्रह कराने जैसे कई महत्वपूर्ण फैसले कोर समिति ने नहीं लिए और ऐसा लगता है कि अन्ना और अरविंद केजरीवाल सारे निर्णय ले रहे हैं। उन्होंने कहा, यह ब्राह्मणवाद है। वे सभी को समान मानने के लिए तैयार नहीं हैं। हमने जंतर मंतर पर या रामलीला मैदान में दलितों या मुस्लिमों को नहीं देखा जहां अन्ना अनशन पर बैठे थे। अन्ना पर निशाना साधते हुए अग्निवेश ने कहा, अन्ना बहुत व्यक्तिवादी हैं। वह कभी लोकतांत्रित तरीके से काम नहीं करते। यह इस तरह है कि आप उनकी तर्ज पर चल रहे हैं तो ठीक है। अग्निवेश ने कहा, महाराष्ट्र का कोई भी बड़ा सामाजिक कार्यकर्ता उनके अभियान में शामिल नहीं था।
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