नई दिल्ली:
वरिष्ठ गांधीवादी और सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ योग गुरु बाबा रामदेव के अनशन के दौरान पुलिस कार्रवाई की रविवार को कड़ी निंदा की। इसे लेकर उन्होंने आठ जून को एक दिन के लिए जंतर-मंतर पर अनशन पर बैठने का ऐलान किया। साथ ही लोकपाल मसौदा समिति की होने वाली अगली बैठक का इसमें शमिल सामाजिक संगठन के सदस्यों ने बहिष्कार करने का फैसला किया है। अन्ना हजारे ने यहां पत्रकारों के साथ चर्चा में कहा, "आंदोलन और अनशन के खिलाफ कार्रवाई लोकतंत्र के लिए खतरा है। सरकार लोकशाही का गला घोंटने की कोशिश कर रही है।" उन्होंने कहा, "अनशन के दौरान पंडाल में रात में सोए हुए लोगों पर लाठी चार्ज करना मानवीयता के खिलाफ है और बेहद निंदनीय है। संविधान ने हमें आंदोलन और अनशन का अधिकार प्रदान किया है।" गांधीवादी नेता ने कहा, "अंग्रेज भी ऐसा ही दुर्व्यवहार करते थे। इस घटना ने जलियांवाला बाग की घटना की याद को ताजा कर दिया है। अंग्रेजों और भारतीय हुकुमत में क्या अंतर है।" उन्होंने बाबा रामदेव के समर्थकों पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ जंतर-मंतर पर आठ जून को एक दिवसीय अनशन पर बैठने का ऐलान किया। साथ ही अन्ना हजारे ने देशवासियों से इसमें शामिल होने का आह्वान किया। सख्त लोकपाल विधेयक का मसौदा तय करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई 10 सदस्यीय समिति की अगली बैठक में सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि हिस्सा नहीं लेंगे। सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की ओर से जारी एक बयान में यह बात कही गई। काले धन के मुद्दे पर बाबा रामदेव के अनशन के दौरान शनिवार-रविवार की मध्य रात्रि को पुलिस द्वारा की गई बर्बरता के खिलाफ सामाजिक संगठन के प्रतिनिधियों ने यह फैसला किया है। सामाजिक संगठन के सदस्यों की ओर जारी बयान में यह भी कहा गया है कि इस सम्बंध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर जानकारी दे दी जाएगी।
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