महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार को कहा कि सरकार के पास 2014 में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बी एच लोया की मौत की जांच दोबारा कराने का विकल्प खुला है. मालूम हो गुजरात के चर्चित सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे न्यायामूर्ति लोया की एक दिसंबर 2014 को नागपुर में उस समय दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी जब वह अपने एक सहयोगी की बेटी की शादी में शामिल होने गए थे.
जज लोया की मौत का मामला : पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट
देशमुख ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमारी सरकार ने लोया मौत मामले की दोबारा जांच कराने का विकल्प खुला रखा है. कुछ लोग मामले को दोबारा खोलने की मांग को लेकर आज मुझसे मिल रहे हैं. अगर जरूरी हुई, तो दोबारा जांच कराई जाएगी.''
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गौरतलब है कि साल 2017 में एक पत्रिका में छपी रिपोर्ट के बाद जज लोया की मौत पर सवाल उठा. मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया लेकिन राज्य सरकार ने जांच में कुछ भी गलत नही मिलने का दावा किया. अदालत ने भी स्वतंत्र जांच की मांग खारिज कर दी लिहाजा बात आई गई हो गई. लेकिन महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन होते ही कांग्रेस ने जज लोया की संदिग्ध मौत की जांच फिर से कराने की मांग करनी शुरू कर दी थी. सवाल ये उठ रहा था कि जब सुप्रीम कोर्ट पहले स्वतंत्र जांच की मांग खारिज कर चुकी है तो क्या राज्य सरकार फिर से जांच का आदेश दे सकती है?
(इनपुट-भाषा)
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