महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सनसनीखेज दावा करते हुए कहा है कि मुंबई में बार मालिकों से उन्हें 4 करोड़ रुपये की रकम मिली थी. उन्होंने मुखौटा कंपनियों के जरिये ये रकम दान में दिखाकर अपने ट्रस्ट में डाल दी.ईडी ने देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे को रिमांड पर लेने से जुड़ी सुनवाई के दौरान ये दावा किया. पलांडे और शिंदे को कथित तौर पर करोड़ों रुपये की रिश्वत सह रंगदारी गिरोह मामले में कथित मनी लांड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर के खुलासे के बाद देशमुख को अप्रैल में इस्तीफा देना पड़ा था. दोनों के खिलाफ मनी लांड्रिंग ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.
दोनों को 1 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेजा गया है. इससे पहले ईडी ने देशमुख को जांच अधिकारी के समक्ष बयान दर्ज कराने के लिये ईडी दफ्तर में सुबह 11 बजे तलब किया था, लेकिन पूर्व मंत्री ने एजेंसी से पेशी के लिये नई तारीख दिए जाने का अनुरोध किया. देशमुख के वकीलों की टीम ईडी कार्यालय पहुंची और उसने पेशी के लिए कोई और तिथि दिए जाने का अनुरोध किया. जांचकर्ताओं को देशमुख का लिखा एक पत्र भी सौंपा.
ईडी ने अदालत को बताया कि काले धन को सफेद करने के इस खेल में पलांडे और शिंदे देशमुख के मददगार थे. बांबे हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने इस केस में जांच शुरू की थी. ईडी ने अदालत को बताया कि कुछ बार मालिकों-प्रबंधकों ने अपने बयानों में कहा कि तब अपराध आसूचना इकाई के प्रमुख रहे सचिन वाजे ने अपने दफ्तर में बार मालिकों के साथ एक बैठक की थी. यह बैठक उनके ऑर्केस्ट्रा बार के निर्धारित अवधि के बाद भी बिना किसी रुकावट के चालू रहने और प्रदर्शन करने वाले कलाकारों पर किसी तरह की बंदिश नहीं लगाने को लेकर थी.
इन बयानों से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वाजे ने मुंबई के विभिन्न ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों से 4.70 करोड़ रुपये लिए थे. ईडी के अनुसार, वाजे ने कहा कि उसे पुलिस जांच से जुड़े कई मामलों में तत्कालीन गृह मंत्री से सीधे निर्देश मिलते थे. वाजे के मुताबिक, उसे महाराष्ट्र के गृह मंत्री के आवास पर हुई एक बैठक में बार और रेस्तरां मालिकों की सूची दी गई थी.
ईडी के मुताबिक, वाजे ने बताया था कि उससे हर बार और रेस्तरां से हर महीने 3 लाख रुपये वसूलने को कहा गया था. ईडी के अनुसार, वाजे ने यह भी कहा था कि उसने दिसंबर 2020 और फरवरी 2021 के बीच बार मालिकों से करीब 4.70 करोड़ रुपये लिए थे. इसे उसने दो किस्तों में कुंदन शिंदे को सौंप दिया था.
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