आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में हजारों सरकारी कर्मचारी नए वेतन संशोधन (Pay revision) का विरोध कर रहे हैं. उनका विरोध शुक्रवार को भी जारी रहा. सैकड़ों सरकारी कर्मचारी वेतन संशोधन का विरोध करने के लिए अमरावती में राज्य सचिवालय के बाहर कार्यालयों में बैठे रहे और यहां सारे कर्मचारियों ने उलटा चलकर अनोखा विरोध जताया. बता दें कि गुरुवार को भी आंध्र प्रदेश सरकार के हजारों कर्मचारियों ने हाल में की गई वेतन समीक्षा के खिलाफ गुरुवार को विजयवाड़ा की सड़कों पर प्रदर्शन किया था. इस दौरान शहर के बीआरटीएस रोड पर काफी लोगों की भीड़ जमा हो गई थी.
वहीं मुख्य सचिव समीर शर्मा ने प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों से सात फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के आह्वान को वापस लेने की अपील की. उन्होंने कर्मचारियों से कहा, ‘‘कुछ समस्याएं हैं, लेकिन हम बातचीत करने को तैयार हैं. विशेष वित्त सचिव एस. एस. रावत और प्रधान सचिव भूषण कुमार के साथ संयुक्त रूप से पत्रकारों से बातचीत में शर्मा ने कहा, ‘‘तेलंगाना की तरह, अगर हमने सिर्फ महंगाई भत्ता दिया होता और 27 फीसदी अंतरिम राहत नहीं दी होती तो, पिछले 30 महीनों में हम कम से कम 10,000 करोड़ रुपये बचा सकते थे. अंतरिम राहत ब्याज मुक्त ऋण की तरह है, जिसे वापस वसूलना है, फिर आप चाहे उसे कुछ भी नाम दें. ''हालांकि, जल्दी ही शर्मा ने कहा कि सरकार इस संबंध में उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करेगी.
उच्च न्यायालय वेतन समीक्षा को लेकर दायर विभिन्न जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. अदालत ने दो दिन पहले अंतरिम आदेश जारी कर राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह कर्मचारियों के वेतन से कोई वसूली ना करे. मुख्य सचिव ने रेखांकित किया कि अंतरिम राहत वेतन का हिस्सा नहीं हो सकता है.
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