नई दिल्ली:
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शासन चलाना नहीं जानते, उनकी रुचि सिर्फ ओछी राजनीति करने में है।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि केंद्र सरकार ने सफाई कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए दिल्ली सरकार को राशि आवंटित कर दी है, फिर भी वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है, इस कारण सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण पूर्वी दिल्ली की कई सड़कों पर कूड़े का अंबार लगा हुआ है, जिससे आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उपाध्याय ने संवाददाताओं से कहा, 'केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को पहले ही पैसे दे दिए हैं। इसलिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस मामले में प्रधानमंत्री को घसीटना बंद करें, कृपया कर ओछी राजनीति न करें।'
बीजेपी नेता ने कहा कि केजरीवाल लोगों की समस्या का समाधान करने को लेकर गंभीर नहीं हैं और उन्हें सिर्फ दोषारोपण करना आता है। उन्हें सरकार चलाने नहीं आता। मुख्यमंत्री बनने के बावजूद लड़ने में व्यस्त हैं।
सच तो यह है कि दिल्ली के तीनों नगर निगमों में बीजेपी का शासन है। निगम प्रमुखों ने पैसे का अभाव बताकर सफाई कर्मचारियों का वेतन भुगतान रोक दिया है। हड़ताल के कारण दिल्ली की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। शहर के सभी कूड़ाघर खाली पड़े हैं और बीजेपी कार्यकर्ता लोगों से सड़कों पर कूड़ा डालने के लिए विवश कर रहे हैं, ताकि केजरीवाल सरकार को विफल साबित किया जा सके।
दिल्ली में हार से बौखलाई बीजेपी ने केजरीवाल सरकार को नीचा दिखाने के लिए अपने प्रधानमंत्री के 'स्वच्छ भारत अभियान' को भी भुला दिया है और हर तरफ कूड़ा-कचरा बिखेर कर दिल्ली की जनता को बीमार करने पर आमादा है। हर तरफ बिखरी गंदगी इस पर राष्ट्रीय राजधानी की अदालतें भी खामोश हैं।
उधर, सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) ने कहा कि बीजेपी सफाई कर्मियों के मसले का राजनीतिकरण कर रही है। वह निगमों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर पर्दा डाल रही है और सफाई कर्मियों को दिल्ली सरकार के खिलाफ भड़का रही है। वहीं, कांग्रेस ने दिल्ली में इस संकट के लिए AAP और बीजेपी दोनों को दोषी ठहराया।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 9 जून को रामलीला मैदान में एक रैली कर सफाई कर्मियों से कहा था कि दिल्ली सरकार के पास उन्हें अप्रैल का वेतन देने लायक पैसे हैं और वह वेतन देने को तैयार हैं, इसके बाद कर्मियों को वेतन देने के लिए बीजेपी शासित निगमों के प्रमुख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पैसे मांगें। उन्होंने कहा था कि मोदी मंगोलिया को आर्थिक मदद दे सकते हैं तो दिल्ली में उनकी पार्टी के शासन वाले निगमों को वह पैसे क्यों नहीं दे सकते।
शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को 15 जून तक सफाई कर्मचारियों के बकाये वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया है।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि केंद्र सरकार ने सफाई कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए दिल्ली सरकार को राशि आवंटित कर दी है, फिर भी वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है, इस कारण सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण पूर्वी दिल्ली की कई सड़कों पर कूड़े का अंबार लगा हुआ है, जिससे आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उपाध्याय ने संवाददाताओं से कहा, 'केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को पहले ही पैसे दे दिए हैं। इसलिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस मामले में प्रधानमंत्री को घसीटना बंद करें, कृपया कर ओछी राजनीति न करें।'
बीजेपी नेता ने कहा कि केजरीवाल लोगों की समस्या का समाधान करने को लेकर गंभीर नहीं हैं और उन्हें सिर्फ दोषारोपण करना आता है। उन्हें सरकार चलाने नहीं आता। मुख्यमंत्री बनने के बावजूद लड़ने में व्यस्त हैं।
सच तो यह है कि दिल्ली के तीनों नगर निगमों में बीजेपी का शासन है। निगम प्रमुखों ने पैसे का अभाव बताकर सफाई कर्मचारियों का वेतन भुगतान रोक दिया है। हड़ताल के कारण दिल्ली की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। शहर के सभी कूड़ाघर खाली पड़े हैं और बीजेपी कार्यकर्ता लोगों से सड़कों पर कूड़ा डालने के लिए विवश कर रहे हैं, ताकि केजरीवाल सरकार को विफल साबित किया जा सके।
दिल्ली में हार से बौखलाई बीजेपी ने केजरीवाल सरकार को नीचा दिखाने के लिए अपने प्रधानमंत्री के 'स्वच्छ भारत अभियान' को भी भुला दिया है और हर तरफ कूड़ा-कचरा बिखेर कर दिल्ली की जनता को बीमार करने पर आमादा है। हर तरफ बिखरी गंदगी इस पर राष्ट्रीय राजधानी की अदालतें भी खामोश हैं।
उधर, सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) ने कहा कि बीजेपी सफाई कर्मियों के मसले का राजनीतिकरण कर रही है। वह निगमों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर पर्दा डाल रही है और सफाई कर्मियों को दिल्ली सरकार के खिलाफ भड़का रही है। वहीं, कांग्रेस ने दिल्ली में इस संकट के लिए AAP और बीजेपी दोनों को दोषी ठहराया।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 9 जून को रामलीला मैदान में एक रैली कर सफाई कर्मियों से कहा था कि दिल्ली सरकार के पास उन्हें अप्रैल का वेतन देने लायक पैसे हैं और वह वेतन देने को तैयार हैं, इसके बाद कर्मियों को वेतन देने के लिए बीजेपी शासित निगमों के प्रमुख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पैसे मांगें। उन्होंने कहा था कि मोदी मंगोलिया को आर्थिक मदद दे सकते हैं तो दिल्ली में उनकी पार्टी के शासन वाले निगमों को वह पैसे क्यों नहीं दे सकते।
शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को 15 जून तक सफाई कर्मचारियों के बकाये वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया है।
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