सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
आम्रपाली ग्रुप मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के CMD और दो निदेशकों को पुलिस की हिरासत में नोएडा के सेक्टर 62 स्थित एक होटल (ऐसंट) में रखने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने आम्रपाली के तीनों निदेशकों की पुलिस कस्टडी 15 दिन बढ़ा दी है. तीनों नोएडा के होटल में पुलिस की निगरानी में रहेंगे.
कोर्ट ने उनकी घर में रहने की मांग को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि मोबाइल का इस्तेमाल तभी कर सकेंगे जब वो फोरेंसिक टीम के साथ (दिन) में होंगे और कॉल के जरिये केवल उन लोगों से संपर्क करेंगे जिनकी ऑडिटर को जरूरत होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शाम को जब होटल से वापस आएंगे तो उनका मोबाइल ले लिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है कि दस्तावेजों की सूची, वर्गीकरण और उन्हें सारणीबद्ध किया जाए ताकि फॉरेंसिक ऑडिट सुचारू रूप से हो सके. ऑडिट के दौरान तीनों निदेशक पूरा सहयोग करें और प्रोसेस के दौरान अगले 15 दिन तक सवेरे 8 से शाम 6 बजे तक हाज़िर रहे.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोएडा सेक्टर 58 के SHO खुद परिसर खुलने बंद होने के समय हाज़िर रहेंगे. ऑडिटर्स स्टाफ के अलावा खुद सुपरवाइज करेंगे. एक जगह का ऑपरेशन पूरा हो जाने के बाद ही दूसरी जगह का ऑपरेशन शुरू होगा. दूसरा ऑपरेशन शुरू होने से पहले पहला सील हो जाएगा. काम का कैटलॉग बनाकर उनके खत्म होते जाने के भी चार्ट बनाए जाएं. इंटरनल, एक्सटर्नल ऑडिटर्स के अलावा सीएफओ फोरेंसिक ऑडिट सहयोग करें. इस दौरान तीनों नोएडा के पार्क एसेंट होटल में रात गुजारने भर को जाएंगे. ऑपरेशन खत्म होने तक मोबाइल साथ रखने की इजाज़त नहीं होगी. पुलिस की पैनी निगाह रहेगी. फॉरेंसिक ऑडिटर्स ने कहा कि कागज़ पूरे मिलने के बाद 15 दिनों में ऑडिट शुरू हो सकेगा. फोरेंसिक ऑडिट में दस हफ़्ते लगेंगे. कोर्ट ने कहा कि 9 अक्टूबर के आदेश के मुताबिक, इन तीनों ने कोर्ट के आदेश के अनुपालन में बाधा डाली. इनके खिलाफ कंटेम्प्ट नोटिस भेजा जा रहा हैं. अगली सुनवाई 20 नवम्बर को होगी.
आम्रपाली ग्रुप के निदेशकों पर सुप्रीम कोर्ट का शिकंजा, 9 जगह की संपत्तियों को सील करने के आदेश दिए
कोर्ट ने कहा कि अगले 15 दिन नोएडा, ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली के सातों परिसर सीलबंद रहेंगे. पुलिस की निगरानी में खुलेंगे बंद होंगे. ऑडिट के दौरान तीनों निदेशक सवेरे से रात तक उपस्थित रहेंगे. यहां सिर्फ आना-जाना सीमित रहेगा. सबकी जानकारी रजिस्टर में दर्ज होगी. पहले नोएडा-ग्रेटर नोएडा के परिसर फिर राजगीर बक्सर का नम्बर आएगा. कोर्ट ने कहा कि हमारी सख्ती की वजह आपकी लापरवाही है क्योंकि हमारे बार-बार चेतावनी देने के बावजूद आपने कोई सतर्कता नहीं दिखाई. आम्रपाली की तरफ से कहा गया कि थाने की बजाय इनको घर पर रात गुजारने की छूट दी जाए. कोर्ट ने कहा कि नहीं! हम इनको घर नहीं भेजना चाहते. इन्हें अपने मोबाइल पुलिस को देने होंगे. एक समय पर एक ही परिसर का निरीक्षण होगा.
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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समय से ये काम किया जाए क्योंकि हम जानना चाहते हैं कि 2600 करोड़ रुपये कहां गये? आम्रपाली निदेशकों से कहा जितनी जल्दी सूची देंगे आप फ्री हो जाएंगे. वरना आप कस्टडी में ही रहेंगे. कोर्ट ने पूछा- कब फ्री होना चाहते है? 15 दिन? जितने लोग हायर करना चाहते हैं करें लेकिन हिसाब बताएं. हम आपको किसी भी सूरत में ऐसे ही नहीं छोड़ने वाले हैं. नोएडा और ग्रेटर नोएडा के सातों परिसर की सीलबन्दी की निगरानी, खोलने-बन्द करने और ऑडिट कराने की ज़िम्मेदारी पुलिस की है. ये तीनों डायरेक्टर भी मौजूद रहेंगे। वहां शौचालय/प्रसाधन की सुविधा चाहें तो सुधरवा लें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम पिछले पांच महीने से आपसे दस्तावेज मांग रहें है. तीनों डायरेक्टर भले ही नोएडा में रहे लेकिन पुलिस कस्टडी में रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम मनी ट्रेल को जानना चाहते है कि आखिर पैसे कहां गए. कोर्ट ने कहा कि 2600 करोड़ रुपये कहां गए हमें ये जानना है. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि हम अपने अंतरिम आदेश को बरक़रार रखेंगे. कोर्ट ने आम्रपाली को कहा कि ये आपको तय करना है कि आप कितने दिनों में देते है. कोर्ट ने कहा जब तक नहीं देते आप आप पुलिस कस्टडी में ही रहेंगे.
VIDEO: सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली पर और कसा शिकंजा
कोर्ट ने उनकी घर में रहने की मांग को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि मोबाइल का इस्तेमाल तभी कर सकेंगे जब वो फोरेंसिक टीम के साथ (दिन) में होंगे और कॉल के जरिये केवल उन लोगों से संपर्क करेंगे जिनकी ऑडिटर को जरूरत होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शाम को जब होटल से वापस आएंगे तो उनका मोबाइल ले लिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है कि दस्तावेजों की सूची, वर्गीकरण और उन्हें सारणीबद्ध किया जाए ताकि फॉरेंसिक ऑडिट सुचारू रूप से हो सके. ऑडिट के दौरान तीनों निदेशक पूरा सहयोग करें और प्रोसेस के दौरान अगले 15 दिन तक सवेरे 8 से शाम 6 बजे तक हाज़िर रहे.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोएडा सेक्टर 58 के SHO खुद परिसर खुलने बंद होने के समय हाज़िर रहेंगे. ऑडिटर्स स्टाफ के अलावा खुद सुपरवाइज करेंगे. एक जगह का ऑपरेशन पूरा हो जाने के बाद ही दूसरी जगह का ऑपरेशन शुरू होगा. दूसरा ऑपरेशन शुरू होने से पहले पहला सील हो जाएगा. काम का कैटलॉग बनाकर उनके खत्म होते जाने के भी चार्ट बनाए जाएं. इंटरनल, एक्सटर्नल ऑडिटर्स के अलावा सीएफओ फोरेंसिक ऑडिट सहयोग करें. इस दौरान तीनों नोएडा के पार्क एसेंट होटल में रात गुजारने भर को जाएंगे. ऑपरेशन खत्म होने तक मोबाइल साथ रखने की इजाज़त नहीं होगी. पुलिस की पैनी निगाह रहेगी. फॉरेंसिक ऑडिटर्स ने कहा कि कागज़ पूरे मिलने के बाद 15 दिनों में ऑडिट शुरू हो सकेगा. फोरेंसिक ऑडिट में दस हफ़्ते लगेंगे. कोर्ट ने कहा कि 9 अक्टूबर के आदेश के मुताबिक, इन तीनों ने कोर्ट के आदेश के अनुपालन में बाधा डाली. इनके खिलाफ कंटेम्प्ट नोटिस भेजा जा रहा हैं. अगली सुनवाई 20 नवम्बर को होगी.
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कोर्ट ने कहा कि अगले 15 दिन नोएडा, ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली के सातों परिसर सीलबंद रहेंगे. पुलिस की निगरानी में खुलेंगे बंद होंगे. ऑडिट के दौरान तीनों निदेशक सवेरे से रात तक उपस्थित रहेंगे. यहां सिर्फ आना-जाना सीमित रहेगा. सबकी जानकारी रजिस्टर में दर्ज होगी. पहले नोएडा-ग्रेटर नोएडा के परिसर फिर राजगीर बक्सर का नम्बर आएगा. कोर्ट ने कहा कि हमारी सख्ती की वजह आपकी लापरवाही है क्योंकि हमारे बार-बार चेतावनी देने के बावजूद आपने कोई सतर्कता नहीं दिखाई. आम्रपाली की तरफ से कहा गया कि थाने की बजाय इनको घर पर रात गुजारने की छूट दी जाए. कोर्ट ने कहा कि नहीं! हम इनको घर नहीं भेजना चाहते. इन्हें अपने मोबाइल पुलिस को देने होंगे. एक समय पर एक ही परिसर का निरीक्षण होगा.
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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समय से ये काम किया जाए क्योंकि हम जानना चाहते हैं कि 2600 करोड़ रुपये कहां गये? आम्रपाली निदेशकों से कहा जितनी जल्दी सूची देंगे आप फ्री हो जाएंगे. वरना आप कस्टडी में ही रहेंगे. कोर्ट ने पूछा- कब फ्री होना चाहते है? 15 दिन? जितने लोग हायर करना चाहते हैं करें लेकिन हिसाब बताएं. हम आपको किसी भी सूरत में ऐसे ही नहीं छोड़ने वाले हैं. नोएडा और ग्रेटर नोएडा के सातों परिसर की सीलबन्दी की निगरानी, खोलने-बन्द करने और ऑडिट कराने की ज़िम्मेदारी पुलिस की है. ये तीनों डायरेक्टर भी मौजूद रहेंगे। वहां शौचालय/प्रसाधन की सुविधा चाहें तो सुधरवा लें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम पिछले पांच महीने से आपसे दस्तावेज मांग रहें है. तीनों डायरेक्टर भले ही नोएडा में रहे लेकिन पुलिस कस्टडी में रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम मनी ट्रेल को जानना चाहते है कि आखिर पैसे कहां गए. कोर्ट ने कहा कि 2600 करोड़ रुपये कहां गए हमें ये जानना है. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि हम अपने अंतरिम आदेश को बरक़रार रखेंगे. कोर्ट ने आम्रपाली को कहा कि ये आपको तय करना है कि आप कितने दिनों में देते है. कोर्ट ने कहा जब तक नहीं देते आप आप पुलिस कस्टडी में ही रहेंगे.
VIDEO: सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली पर और कसा शिकंजा
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