केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कोलकाता में एनआरसी पर जनजागरण अभियान के तहत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा बंगाल में एनआरसी को लेकर गलत-गलत जानकारी फैलाई जा रही है. उन्होंने कहा- शरणार्थियों को जाने नहीं देंगे और किसी घुसपैठिए को रहने नहीं देंगे. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस को राज्य में रह रहे बांग्लादेशी और अन्य विदेशियों की पहचान करने को कहा है, ताकि ऐसे लोगों को वापस उनके देश भेजा जा सके. उधर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. पहली लिस्ट में 125 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है. दूसरी ओर भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का कहना है कि शक्तिशाली पदों पर बैठे लोगों को आलोचना को सहन करना चाहिए, और उन्होंने एक ब्लॉग में चेताया है कि आलोचनाओं को दबाते रहने से नीतिगत गलतियां शर्तिया होंगी. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट में अपना पुराना फैसला वापस ले लिया है. अब इस एक्ट के तहत बिना जांच के एफआईआर दर्ज की जा सकेगी.
कोलकाता में बोले अमित शाह- शरणार्थियों को जाने नहीं देंगे और किसी भी घुसपैठिए को रहने नहीं देंगे
अमित शाह ने कहा, 'भाजपा सरकार एनआरसी के पहले सिटिजन अमेंडमेंट बिल लाने वाली है. इस बिल के तहत भारत में जितने भी हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई शरणार्थी आये हैं, उन्हें हमेशा के लिए भारत की नागरिकता दी जाने वाली है.'
यूपी सरकार ने पुलिस को दिया आदेश, कहा- बांग्लादेशियों और अन्य विदेशियों का पता लगाकर भेजें वापस
उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी ने कहा कि यह फैसला राज्य की आतंरिक सुरक्षा के लिए बेहद अहम है. वहीं, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि विदेशियों को वापस भेजने को लेकर कोई समय सीमा तय नहीं की गई है.
भाजपा महासचिव अरूण सिंह की ओर से जारी सूची के अनुसार, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस नागपुर दक्षिण-पश्चिम से और महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल कोथरूड से चुनाव लड़ेंगे. सिंह ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी ने अपने 12 विधायकों को टिकट नहीं दिया.
रघुराम राजन बोले- अगर हर आलोचक को सरकारी अधिकारियों से कॉल आता रहा तो...
RBI के पूर्व गवर्नर ने लिखा, "हर प्रत्येक आलोचक को सरकारी अधिकारी की ओर से फोन पर पीछे हटने के लिए कहा जाएगा, या सत्तासीन दल की ट्रोल आर्मी का निशाना बनाया जाएगा, तो बहुत-से लोग अपनी आलोचना का सुर नीचा कर लेंगे, उसे हल्का कर लेंगे... ऐसे में सरकार तब तक सब कुछ अच्छा-अच्छा दिखने वाले माहौल में वक्त बिता सकेगी, जब तक कड़वी सच्चाई को सचमुच अनदेखा नहीं किया जा सकेगा..."
SC/ST एक्ट: सुप्रीम कोर्ट ने वापस लिया पुराना फैसला, अब बिना जांच दर्ज की जा सकेगी FIR
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला SC/ST एक्ट के प्रावधानों को हल्का करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुनाया है. अब सरकारी कर्मचारी और सामान्य नागरिक को गिरफ्तार करने से पहले अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.
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