कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे मामलों को लेकर चिंताओं के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के साथ हालात पर चर्चा करने के लिए रविवार को बैठक की. दिल्ली सरकार के सूत्रों के अनुसार आज की बैठक सकारात्मक रही, सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई और कोरोना के खिलाफ दिल्ली और केंद्र के बीच मिलकर काम करने की बात की गई. एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस बैठक में दिल्ली में वैश्विक महामारी से निपटने, अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता, जांच की सुविधाओं और स्वास्थ्य संबंधी अन्य बुनियादी ढांचे में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया गया. शाह, बैजल और केजरीवाल के अलावा उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य और गृह एवं स्वास्थ्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हुए. गृह मंत्री ने दिल्ली के तीन नगर निगमों- उत्तर, दक्षिण एवं पूर्व- के महापौरों और नगर निकाय के आयुक्तों के साथ शाम को एक अन्य बैठक बुलाई है. इस बैठक में उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी शामिल होंगे. यह बैठक ऐसे समय में की जा रही है, जब दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं.
#WATCH Union Home Minister Amit Shah and Health Minister Dr Harsh Vardhan hold a meeting with Delhi LG Anil Baijal & CM Arvind Kejriwal along with members of State Disaster Management Authority to review the situation in the capital regarding #COVID19. pic.twitter.com/UI5S8PGAyt
— ANI (@ANI) June 14, 2020
देश में महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं. राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण से निपटने, अस्पतालों में मरीजों के लिए बिस्तर उपलब्ध नहीं होने और प्रयोगशालाओं में जांच कराने में आ रही दिक्कतों को लेकर सरकार को आलोचनाओं का शिकार होना पड़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को शहर की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि दिल्ली के अस्पतालों की स्थिति बेहद “भयावह” है और कोविड-19 मरीजों के पास शव रखे दिख रहे हैं. न्यायालय की टिप्पणी के बाद अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने कहा कि वह पूरे सम्मान और ईमानदारी के साथ न्यायालय की टिप्पणियों को स्वीकार करती है और दिल्ली सरकार सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने और प्रत्येक कोविड-19 मरीज के लिए हरसंभव इलाज सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को शहर की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि दिल्ली की अस्पतालों की स्थिति बेहद “भयावह” है और कोविड-19 मरीजों के पास शव रखे दिख रहे हैं. न्यायालय की टिप्पणी के बाद अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने कहा कि वह पूरे सम्मान और ईमानदारी के साथ उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों को स्वीकार करती है और दिल्ली सरकार सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने और प्रत्येक कोविड-19 मरीज के लिए हरसंभव इलाज सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है. बैजल ने भी कोविड-19 प्रबंधन योजना और राजधानी में चिकित्सा ढांचे को और सुदृढ़ बनाने पर सुझाव देने के लिये छह सदस्यीय एक समिति का गठन किया है. बैजल ने हाल में दिल्ली सरकार के उस फैसले को पलट दिया था जिसमें कहा गया कि अस्पताल के बिस्तर और जांच सिर्फ दिल्ली वालों के लिये हैं और जांच भी उन मरीजों की होगी जिनमें लक्षण नजर आएंगे.
Video: क्या दिल्ली में अब ज्यादा टेस्ट होंगे ?
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