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This Article is From Jan 05, 2020

JNU में मचे बवाल के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से की बात, रिपोर्ट सौंपने को कहा

अमित शाह ने पुलिस कमिश्नर से इस पूरे मामलो को लेकर रिपोर्ट भी देने को कहा है. साथ ही गृहमंत्री ने कैंपस में कानून व्यवस्था को बहाल करने की भी बात कही है. 

JNU में मचे बवाल के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से की बात, रिपोर्ट सौंपने को कहा
अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से की बात
नई दिल्ली:

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में मचे बवाल के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बात की है. अमित शाह ने पुलिस कमिश्नर से इस पूरे मामलो को लेकर रिपोर्ट भी देने को कहा है. साथ ही गृहमंत्री ने कैंपस में कानून व्यवस्था को बहाल करने की भी बात कही है. उन्होंने इस पूरी घटना की ज्वाइंट सीपी स्तर के अधिकारी से जांच कराने को भी कहा है. गृह मंत्री के कार्यालय ने ट्वीट किया कि केंद्रीय गृह मंत्री ने जेएनयू हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त से बात की और उन्हें जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए. बता दें कि रविवार शाम को चेहरे पर नकाब बांधे कुछ लोगों ने जेएनयू कैंपस के अंदर छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया. हमले में छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष बुरी तरह घायल हो गईं हैं. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शाम करीब 6:30 बजे लगभग 50 गुंडे जेएनयू कैंपस में में घुस आए और छात्रों पर हमला करना शुरू कर दिया. इन लोगों ने कैंपस में मौजूद कारों को भी निशाना बनाया और हॉस्टल में भी तोड़फोड़ की. जेएनयू के प्रोफेसर अतुल सूद ने NDTV को बताया कि इन हमलावरों में हॉस्टल पर पत्थरबाजी की और यूनिवर्सिटी की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया. 15 छात्रों को एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है. 

वहीं, छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने बताया कि चेहरे पर नकाब डाले लोगों ने उनपर हमला किया और बुरी तरह से पिटाई की. इस हमले में उनके सिर पर गहरी चोट आई है. वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि 50 से ज्यादा की संख्या में लोग नकाब बांधकर कैंपस में घूमते दिख रहे हैं, जिनके हाथों में हॉकी स्टीक, रॉड और बल्ला दिखाई दे रहा है. उधर, लेफ्ट ने एबीवीपी पर मारपीट का आरोप लगाया है.

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जेएनयूटीए के सचिव सुरजीत मजूमदार ने NDTV से बात करते हुए कहा, 'हम विश्वविद्यालय प्रशासन और कुलपति को इस हालात के लिए जिम्मेदार मानते हैं. आज हॉस्टल के अंदर कोई भी सुरक्षित नहीं है. कई शिक्षक भी गंभीर रूप से घायल हैं. मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि जिस तरह से कुलपित इस विश्वविद्यालय को चला रहे हैं उससे हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. यूनिवर्सिटी में लोकतांत्रिक प्रक्रिया दिन पर दिन खत्म होती जा रही है.

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वहीं, जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन के विक्रमादित्य ने कहा कि, मेरी वाइफ को भीड़ ने दौड़ाया है. हमारे घर का दरवाजा तोड़ने की कोशिश की गई है. हमें धमकी दी गई है कि हम रात में वापस आएंगे और घर को आग लगा देंगे. हमनें पुलिस को फोन किया न अभी तक कोई पुलिस आई न ही कोई कॉल बैक आया. हमारे लिए पुलिस नहीं आ रही है. बीते दो घंटे से न तो जेएनयू की सिक्यूरिटी आई है और न ही पुलिस आई है. जेएनयू की सिक्यूरिटी को मैंने कॉल किया कि मेरे घर पर हमला हुआ है, लेकिन न तो वो आए न ही उन्होंने आगे पुलिस को बुलाया.

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