ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के निर्यात पर भारत ने लगाई रोक, जानें- ऐसा क्यों?

विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर भी कहा गया है कि  गुरुवार से भारत में कोई वैक्सीन निर्यात नहीं होगी, क्योंकि देश में टीकाकरण के प्रयासों को और विस्तार दिया जा रहा है. दुनियाभर के 64 से ज्यादा गरीब देशों में भी सीरम इन्स्टीट्यूट द्वारा निर्मित टीके COVAX योजना के तहत भेजे जा रहे थे.

ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के निर्यात पर भारत ने लगाई रोक, जानें- ऐसा क्यों?

अधिकारियों के मुताबिक यह रोक अस्थाई है और अप्रैल के अंत तक ही प्रभावी रह सकती है.

नई दिल्ली:

देश में रोजाना बढ़ते कोरोनावायरस (coronavirus) के मामलों को देखते हुए भारत ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका (Oxford-AstraZeneca Vaccine) कोरोनावायरस वैक्सीन के सभी तरह के निर्यातों पर अस्थाई रोक लगा दी है. विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है. बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि देश में बढ़ते कोविड-19 के मामलों का मतलब है कि टीका के घरेलू मांग में आने वाले हफ्तों में बढ़ोतरी हो सकती है. इसलिए अस्थाई रोक लगाई गई है क्योंकि देश में ही इसे अधिक लोगों को देने की जरूरत पड़ सकती है.

अधिकारियों के मुताबिक यह रोक अस्ठाई है और अप्रैल के अंत तक ही प्रभावी रह सकती है. COVAX योजना के तहत इस रोक से 190 देशों के प्रभावित होने की संभावना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नेतृत्व वाली इस योजना का उद्देश्य सभी देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराना है.

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भारत की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने हाल के दिनों में ब्रिटेन, सऊदी अरब, मोरक्को और ब्राजील समेत कई देशों में AstraZeneca वैक्सीन की शिपमेंट भेजने में  देरी की है. भारत ने अब तक 76 देशों को 6 करोड़ से अधिक वैक्सीन खुराक का निर्यात किया है, जिनमें से अधिकांश ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके हैं. 

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विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर भी कहा गया है कि  गुरुवार से भारत में कोई वैक्सीन निर्यात नहीं होगी, क्योंकि देश में टीकाकरण के प्रयासों को और विस्तार दिया जा रहा है. दुनियाभर के 64 से ज्यादा गरीब देशों में भी सीरम इन्स्टीट्यूट द्वारा निर्मित टीके COVAX योजना के तहत भेजे जा रहे थे.