अमेजन और फ्यूचर ग्रुप सिंगापुर आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल के समक्ष पेश होने को तैयार, सुप्रीम कोर्ट को बताया

SC ने अमेजन को फ्यूचर रिटेल स्टोर के अधिग्रहण के खिलाफ राहत के लिए दिल्ली HC जाने की अनुमति दी. अमेजन ने फ्यूचर रिटेल एसेट्स अलग करने खिलाफ सुरक्षा की मांग की थी.फ्यूचर ने प्रस्तुत किया कि संपत्ति का अधिग्रहण लीज का भुगतान न करने के कारण हो रहा है.

अमेजन और फ्यूचर ग्रुप सिंगापुर आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल के समक्ष पेश होने को तैयार, सुप्रीम कोर्ट को बताया

Amazon Future Group : अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच चल रहा है अदालती विवाद

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अमेजन बनाम फ्यूचर ग्रुप (Amazon and Future group) के मामले पर सोमवार को सुनवाई हुई. इसमें अमेजन और फ्यूचर ग्रुप सिंगापुर आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल के समक्ष पेश होने को तैयार हो गए हैं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर रिटेल स्टोर्स के रिलायंस (Reliance Group)द्वारा अधिग्रहण पर अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया है. अमेज़न बनाम फ्यूचर ग्रुप : सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर रिटेल स्टोर्स के रिलायंस द्वारा अधिग्रहण के खिलाफ अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार किया. SC ने अमेजन को फ्यूचर रिटेल स्टोर के अधिग्रहण के खिलाफ राहत के लिए दिल्ली HC जाने की अनुमति दी. अमेजन ने फ्यूचर रिटेल एसेट्स अलग करने खिलाफ सुरक्षा की मांग की थी.फ्यूचर ने प्रस्तुत किया कि संपत्ति का अधिग्रहण लीज का भुगतान न करने के कारण हो रहा है. इसमें फ्यूचर रिटेल की कोई भूमिका नहीं है.दरअसल 374 स्टोर FRL  के पास हैं, 835 स्टोर अब रिलायंस रिटेल ने अपने कब्जे में ले लिए हैं.वहीं अमेजन और फ्यूचर संयुक्त रूप से सिंगापुर आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल के समक्ष पेश होने के लिए सहमत हो गए हैं. CJI ने कंपनियों को SC में कल संयुक्त मेमो दाखिल करने का निर्देश दिया है.

CJI एन वी रमना ने कहा कि अब आप दोनों मध्यस्थता कार्यवाही से पहले पेश होना चाहते हैं और इसे समयबद्ध तरीके से समाप्त करना चाहते हैं. हम ट्रिब्यूनल से कार्यवाही में तेजी लाने का अनुरोध करते हैं. सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई बुधवार को होगी. SC ने अमेजन और फ्यूचर को अगली सुनवाई में दिल्ली HC के घटनाक्रम के बारे में सूचित करने को कहा है. दिल्ली HC  सिंगापुर आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल कार्यवाही पर अमेजन और फ्यूचर द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. वहीं CJI ने कई याचिकाएं दायर करने पर अमेजन और फ्यूचर  को फटकार लगाई है. CJI ने अमेजन से कहा, आपकी प्राथमिकता दिनबदिन बदल रही है. आपको संपत्ति के साथ पहले कोई समस्या नहीं थी.अब ये ली जा रही हैं तो जल्दी सुनवाई चाहते हैं. 

दरअसल अमेजन ने फ्यूचर रिटेल के खिलाफ मध्यस्थता की कार्यवाही पूरी होने तक अपनी संपत्ति को सरेंडर करने पर रोक लगाने की मांग की थी.अमेजन ने कहा था कि यह संपत्ति ट्रांसफर उस सौदे के खिलाफ है जिसे अमेजन ने फ्यूचर के साथ हस्ताक्षरित किया है. CJI ने दोनों कंपनियों द्वारा बार-बार भारी दस्तावेज दाखिल करने पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा, आप कागज के बाद कागज डंप कर रहे हैं. कृपया कागजों के ढेर हम पर थोपकर हम पर बोझ न डालें.  दोनों ग्रुप एक साल से अधिक समय से कानूनी लड़ाई में लगे हुए हैं. फ्यूचर ने अपने बिग बाजार खुदरा कारोबार को रिलायंस इंडस्ट्रीज ( RIL) की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल को बेचने का फैसला किया है.

हालांकि, अमेजन फ्यूचर के खुदरा, थोक और रसद व्यवसाय को RIL लिमिटेड को 24,713 करोड़ रुपये में कथित रूप से अनुबंधों का उल्लंघन करने के लिए बिक्री को रोकने की कोशिश कर रहा है. अमेजन का कहना है कि फ्यूचर यूनिट के साथ 2019 के सौदे में फ्यूचर समूह को "प्रतिबंधित व्यक्तियों" की सूची में किसी को भी अपनी खुदरा संपत्ति बेचने से रोकने वाले खंड शामिल थे, जिसमें रिलायंस भी शामिल था. रिलायंस के फ्यूचर रिटेल के स्टोर के खिलाफ अमेजन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. पिछली सुनवाई में अमेजन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था. फ्यूचर रिटेल की संपत्ति पर अमेजन, बियानी समूह और रिलायंस के बीच समझौता करने के लिए बातचीत में कोई प्रगति नहीं हुई.  

अमेजन के वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा था, कभी-कभी हम बहुत आशान्वित होते हैं, लेकिन अंतिम परिणाम कुछ भी नहीं होता है. उच्च स्तर पर बैठकें हुईं लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ.अमेजन ने फ्यूचर पर मामला लंबित होने के बावजूद रिलायंस को अपनी संपत्ति ट्रांसफर का आरोप लगाया. वहीं फ्यूचर ने कहा कि मुकदमे ने इसे दिवालियेपन की ओर धकेल दिया है. वकील हरीश साल्वे ने कहा कि  अमेज़न हमें घुटनों के बल ले जा रहा है, हम टूट गए हैं. अमेजन की ओर से गोपाल सुब्रमण्यम ने ने कहा कि अब सिर्फ 300 दुकानें बची हैं.

फ्यूचर रिटेल ने आरोपों से इनकार किया कि फ्यूचर अपने स्टोर रिलायंस को सौंप रहा है. फ्यूचर रिटेल ने कहा 15 दिन पहले शॉप टेकओवर शुरू हुआ था. हमारे पास इस पर कोई नियंत्रण नहीं है कि चल रहे मुकदमे के बावजूद रिलायंस कार्रवाई कर रही है. रिलायंस ले रहा है. हम कुछ नहीं कर सकते हम क्या करें? हमने कहीं भी हस्ताक्षर नहीं किए हैं.

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दरअसल बियानी ने जाकर विरोध किया. इस मुकदमे ने हमें दिवालियेपन की ओर धकेल दिया है. कुछ भी ट्रांसफर नहीं किया गया है. दो साल से किराया नहीं दिया गया है.  हमारे पास पैसे नहीं थे और हम सभी मंचों पर यही कहते रहे हैं.जमीन मालिक हमारी लीज समाप्त कर रहे हैं. हम चीजों की महिमा और भव्यता के बारे में बात कर सकते हैं लेकिन जब हम टूट जाते हैं तो हम टूट जाते हैं.