'दबाव में लग रहे कैप्टन' : अमरिंदर के 'कांग्रेस छोड़ देंगे' वाले बयान पर बोले हरीश रावत

Punjab Congress Crisis: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ने की बातों पर हरीश रावत ने कहा कि कैप्टन किसी दबाव में लग रहे हैं.

नई दिल्ली:

पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में जारी घमासान के बीच आज पार्टी ने कहा कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) का यह बयान कि पार्टी ने उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया, सच नहीं है. पंजाब कांग्रेस में बढ़ते संकट के बीच कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) ने आज संवाददाताओं से कहा, "कहा जा रहा है कि उन्हें अपमानित किया गया था. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि पार्टी ने हमेशा उन्हें सम्मान दिया है और उनके साथ आदर से पेश आई है." बता दें कि इस सियासी जंग की शुरुआत कुछ दिनों पहले अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के साथ हुई थी.

अमरिंदर सिंह ने कल एनडीटीवी से कहा था कि वह कांग्रेस छोड़ देंगे क्योंकि उन्हें अपमानित किया गया. कांग्रेस नेता ने उस समय पार्टी को चौंका दिया जब वह दिल्ली में भाजपा नेता और गृह मंत्री अमित शाह से मिलने गए, जिससे अटकलें लगाई गईं कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं. लेकिन उन्होंने किसी भी पार्टी में शामिल होने से इनकार किया और कहा कि उन्होंने कृषि कानूनों पर चर्चा करने के लिए शाह से मुलाकात की.

हरीश रावत ने कहा, "अमरिंदर सिंह किसी तरह के दबाव में लग रहे हैं." मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा था कि वह भविष्य में विकल्प खुले रखेंगे.

रावत ने चरणजीत सिंह चन्नी को पार्टी में नियुक्त करने के फैसले की ओर इशारा करते हुए कहा, "वह सालों से पंजाब कांग्रेस में सबसे आगे थे और पार्टी हमेशा उनके नेतृत्व का सम्मान करती थी, इसलिए जब कुछ फैसले लिए गए तो उन्हें पार्टी के साथ खड़ा होना चाहिए था."  रावत ने कहा, "जब सवाल भारत और लोकतंत्र को बचाने का है, तो अमरिंदर सिंह जी से इस जरूरत के समय में सोनिया गांधी जी के साथ खड़े होने की उम्मीद की गई थी."

सिर्फ दो महीने पहले अमरिंदर सिंह की आपत्तियों के बावजूद नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रमुख बनाया गया था, जिन्होंने यह भी खुले तौर पर बताया था कि वह पार्टी नेतृत्व द्वारा सिद्धू को शीर्ष पद के लिए विचार करने के किसी भी प्रयास का विरोध करेंगे.

एक हफ्ते पहले चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद, सिद्धू ने भी पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे पार्टी पूरी तरह से संकट में आ गई.

रावत ने कहा, "अपने सहयोगियों और नेतृत्व से लगातार याद दिलाने के बावजूद, दुर्भाग्य से कैप्टन अमरिंदर ड्रग्स, बिजली आदि जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने वादे निभाने में विफल रहे. पूरे राज्य में एक आम धारणा थी कि कैप्टन और बादल एक दूसरे की मदद कर रहे हैं और उनकी एक गुप्त समझ है. मैं हमेशा विनम्रता से उन्हें हमारे चुनावी वादों पर कार्रवाई शुरू करने का सुझाव दे रहा था. कम से कम पांच बार मैंने कैप्टन साहब के साथ इन मुद्दों पर चर्चा की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.”

रावत ने कहा, "...उनका (अमरिंदर सिंह) मानना ​​था कि उन्हें अपने विधायकों, मंत्री और पार्टी नेतृत्व सहित किसी से भी सलाह की आवश्यकता नहीं है."

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

रावत ने कहा "एक लोकतांत्रिक पार्टी में, सभी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का पालन किया गया और पार्टी ने एक मुख्यमंत्री को चुना जो एक विनम्र पृष्ठभूमि से आता है. कैप्टन अमरिंदर सिंह से उन्हें आशीर्वाद देने की उम्मीद थी और इस उद्देश्य के लिए मैंने उनसे मिलने की तीन बार कोशिश की ... लेकिन उन्होंने मुझसे मिलने से इनकार कर दिया. नवनियुक्त मुख्यमंत्री ने भी उनका आशीर्वाद मांगा, और उन्होंने कहा कि वह उन्हें चाय या दोपहर के भोजन के लिए बुलाएंगे, ऐसा कुछ नहीं हुआ."

यह भी पढ़ें